उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भले ही महिलाओं की सुरक्षा को लेकर लाख दावे कर रही हो, लेकिन हकीकत इससे काफी दूर है। राज्य से रोज मासूम बच्चियों और महिलाएं से रेप व छेड़छाड़ की कोई न कोई घटनाएं सामने आती ही रहती है, जो चीख-चीखकर बता रही हैं कि यूपी में महिलाएं कहीं भी सुरक्षित नहीं है। इस बीच, यूपी के सुल्तानपुर में सोमवार को उस समय कानून व्यवस्था तार-तार होती दिखाई दी, जब कुछ दबंगों ने घर के बाहर ही एक किशोरी को जिंदा जलाकर मार डाला।
नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश की सुल्तानपुर जेल में बंद पत्रकार प्रदीप सिंह की बेटी को कुछ लोगों ने सोमवार को सरेआम बंधक बना लिया। इसके बाद उसे उसके दरवाजे के सामने ही आग लगा दी और फरार हो गए। परिवार का आरोप है कि, घटना के तीन घंटे बाद मौके पर पुलिस पहुंची। इसके बाद आनन-फानन में गंभीर हालत में किशोरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां से उसे लखनऊ के मेडिकल कॉलेज रिफर किया गया। इलाज के दौरान किशोरी की मौत हो गई। जमीनी रंजिश की वजह से इस घटना को अंजाम दिया गया। इस घटना के बाद लोगों ने पुलिस पर सवाल खड़े किए हैं।
यह घटना बल्दीराय थाना क्षेत्र के टंडरसा मजरे के ऐंजर गांव की है। गांव निवासी पत्रकार प्रदीप सिंह की लड़की श्रद्धा सिंह अपने दरवाजे पर स्थित नल पर पानी भर रही थी। इसी बीच आरोपी सुभाष, महंथ, जयकरन निवासी परसौली ने पहुंचकर उसका हाथ मुंह और पैर बांधकर उस पर केरोसिन छिड़क दिया। फिर किशोरी को आग के हवाले करके फरार हो गए। आग लगने के बाद किशोरी के चीखने पर लोगों ने उसकी मदद की।
मौके पर पहुंचे परिवार वाले उसे लेकर सीएचसी धनपतगंज लेकर पहुंचे। किशोरी 90 फीसदी जल चुकी थी। ख़बर के मुताबिक, नृशंस हत्या के प्रयास को नजरंदाज करते हुए पुलिस तीन घंटे बीतने के बाद घटनास्थल पर पहुंची।