निर्भया गैंगरेप केस: चारों दोषियों को तिहाड़ जेल में दी गई फांसी, सात साल बाद मिला इंसाफ

0

साल 2012 के वीभत्स निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्याकांड केस में चारों दोषियों को आज सुबह 5.30 बजे तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई है। बता दें कि, इस मामले में तीन डेथ वारंट पर किसी न किसी वजह से फांसी पर रोक लगी लेकिन कोर्ट के चौथे डेथ वारंट पर चारों दोषियों को फांसी की सजा दी गई।

मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को सुबह साढ़े पांच बजे तिहाड़ जेल में फांसी दी गई। दक्षिण एशिया के सबसे बड़े जेल परिसर तिहाड़ जेल में पहली बार चार दोषियों को एक साथ फांसी दी गई। चारों दोषियों ने फांसी से बचने के लिए अपने सभी कानूनी विकल्पों का पूरा इस्तेमाल किया और गुरुवार की रात तक इस मामले की सुनवाई चली। सामूहिक बलात्कार एवं हत्या के इस मामले के इन दोषियों को फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद तीन बार सजा की तामील के लिए तारीखें तय हुईं लेकिन फांसी टलती गई। अंतत: आज सुबह चारों दोषियों को फांसी दे दी गई।

सुबह चार बजे दोषियों को नहलाने के बाद काले कपड़े पहनाकर फांसी घर में ले जाया गया। इन्हें फांसी पर पवन जल्लाद ने चढ़ाया। कुल सात साल, तीन महीने और तीन दिन के बाद चारों गुनहगारों को मौत की सजा मिली। तिहाड़ जेल के बाहर लोगों की भीड़ लगी हुआ है, प्लेकार्ड लिए और नारे लगाते हुए काउंटडाउन कर रहे हैं लोग। निर्भया के दोषियों को फांसी की सजा का रास्ता साफ होने पर पीड़िता की मां आशा देवी ने खुशी जताई है।

दोषियों को फांसी दिए जाने के बाद निर्भया की मां आशा देवी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, मैं देश की जूडिशरी को धन्यवाद देती हूं, भले ही देर से सही लेकिन मेरी बेटी को न्याय मिला। इन चारों को फांसी देकर जूडिशरी ने साफ किया कि अगर बच्चियों के साथ अन्याय होगा तो करने वाले को सजा मिलेगी।

तिहाड़ जेल में आखिरी बार नौ फरवरी 2013 को उत्तर कश्मीर के सोपोर के निवासी अफजल गुरु को फांसी दी गई थी। संसद पर हमले के दोषी को सुबह आठ बजे फांसी दी गई थी और उसे जेल परिसर में ही दफना दिया गया था।

बता दें कि, दक्षिण दिल्ली में 16-17 दिसंबर 2012 की रात में छात्रा के साथ चलती बस में छह व्यक्तियों ने सामूहिक बलात्कार के बाद उसे बुरी तरह जख्मी करके सड़क पर फेंक दिया था। इस छात्रा की बाद में 29 दिसंबर को सिंगापुर में माउन्ट एलिजाबेथ अस्पताल में मृत्यु हो गई थी।

इस मामले के छह आरोपियों में से एक राम सिंह ने तिहाड़ जेल में कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी जबकि एक अन्य आरोपी नाबालिग था, जिसे किशोर न्याय बोर्ड ने दोषी ठहराते हुए तीन साल की सजा सुनाई थी। इस आरोपी को सुधार गृह में तीन साल गुजारने के बाद रिहा कर दिया गया था।

Previous articleDays after Shloka Mehta and Akash Ambani celebrate first wedding anniversary, Mukesh Ambani, wife Nita and children Akash, Isha and Anant raise shares in Reliance Industries
Next articleNirbhaya’s rapists sent to gallows after 7 years of prolonged legal battle