भारत को सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान की नई व्यवस्था के तहत स्विट्जरलैंड के बैंकों में अपने नागरिकों के खातों के ब्योरे की पहली सूची प्राप्त हो गई है। दोनों देशों के बीच सूचनाओं के स्वत: आदान प्रदान की इस व्यवस्था से भारत को विदेशी में अपने नागरिकों द्वारा जमा कराए गए कालेधन के खिलाफ लड़ाई में काफी मदद मिलेगी।
file Photoस्विट्जरलैंड के संघीय कर प्रशासन (एफटीए) ने 75 देशों को एईओआई के वैश्विक मानदंडों के तहत वित्तीय खातों के ब्योरे का आदान-प्रदान किया है। भारत भी इनमें शामिल है। एटीएफ के प्रवक्ता ने कहा कि भारत को पहली बार एईओआई ढांचे के तहत खातों के बारे में जानकारी प्रदान की गई है।
इन जानकारियों में आइडेंटिफिकेशन, खाते तथा पैसों से जुड़ी जानकारी शामिल हैं। इनमें नाम, पता, नैशनलिटी, टैक्स आइडेंटिफिकेशन नंबर, वित्तीय संस्थानों से जुड़ी सूचनाएं, खाते में पड़े पैसे और कैपिटल इनकम शामिल हैं।
इसमें उन खातों की सूचना दी जाएगी जो अभी सक्रिय है। इसके अलावा उन खातों का ब्योरा भी उपलब्ध कराया जाएगा जो 2018 में बंद किए जा चुके हैं। प्रवक्ता ने कहा कि इस व्यवस्था के तहत अगली सूचना सितंबर, 2020 में साझा की जाएगी।
बता दें कि, 2014 का चुनाव हो या 2019 का लोकसभा चुनाव दोनों ही चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए काले धन का मुद्दा सबसे अहम रहा है। जानकारी बटोरने के लिए सरकार की ओर से लगातार स्विट्जरलैंड की सरकार से संपर्क भी किया जा रहा था। अब काले धन के खिलाफ इस लड़ाई में मोदी सरकार को अब जाकर कामयाबी मिली है। (इंपुट: भाषा के साथ)