एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) यानी चमकी बुखार (दिमागी बुखार) के कारण बिहार के मुजफ्फरपुर व आसपास के जिलों में बच्चों की मौत का सिलसिला जारी है। अस्पतालों में सुविधाओं की कमी है और राज्य सरकार के स्तर पर फिलहाल जो प्रयास हुए भी हैं, वे नाकाफी हैं। एईएस के चलते बिहार में अब तक 150 से अधिक मासूमों की मौत हो चुकी है। एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के कारण सिर्फ मुजफ्फरपुर में 132 बच्चों की मौत हो गई है, जिसमें से 111 बच्चे श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में काल के गाल में समा गए हैं।

वहीं, केजरीवाल अस्पताल में 21 बच्चों की मौत हो गई है। इन्सेफ्लाइटिस के चलते मौतों के पीछे मुख्य वजह कुपोषण और गरीबी भी बताई जा रही है। इन सबके बीच अब बिहार प्रशासन ने एक ऐसा कदम उठाया है, जिस पर चौतरफा सवाल उठ रहे हैं। प्रशासन ने बच्चों की मौत और जल आपूर्ति को लेकर प्रदर्शन कर रहे 39 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
दरअसल, एईएस के कारण बच्चों की मौत और जल आपूर्ति में कमी को लेकर वैशाली जिले के हरिवंशपुर में लोग पीने का पानी नहीं मिलने और बीमारी से बच्चों की मौत को लेकर गुस्से में थे। ग्रामीण इसे लेकर सड़क पर उतर आए थे। लोगों ने इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और जल आपूर्ति बेहतर करने और बीमारी के खिलाफ जल्द ठोस कदम उठाने की मांग की। जिला प्रशासन ने इनकी मांगें तो नहीं मानीं, लेकिन प्रदर्शन कर रहे 39 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी।
Bihar: Relatives of persons against whom FIR has been registered say ,"Our children have died. We did road gherao, but administration has filed FIR against us. Men against whom FIR has been registered have left the village & gone away. They were the only breadwinners." pic.twitter.com/E0hEhmYwKH
— ANI (@ANI) June 25, 2019
ग्रामीणों के द्वारा विरोध-प्रदर्शन करने पर पुलिस ने 39 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है.। नलोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है उनके रिश्तेदारों का कहना है, ‘हमारे बच्चों की मौत हो गई है। हमने सड़क घेराव किया था, लेकिन प्रशासन ने हमारे खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। जिन पुरुषों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, वे गांव छोड़ कर चले गए हैं। घर में केवल वहीं रोटी कमाने वाले थेऔर अब उनके नहीं होने से हमें और दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।’