कोलकाता के प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों ने रविवार को अपने रुख में नरमी लाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उनके साथ बैठक की जगह तय करने के लिए स्वतंत्र हैं लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बैठक खुले में होनी चाहिए। बनर्जी ने रविवार को प्रदर्शनकारियों को बंद कमरे में बैठक के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन उन्होंने उनकी इस पेशकश को ठुकरा दिया था। बता दें कि पश्चिम बंगाल में एनआरएस अस्पताल में एक डाक्टर की पिटाई के बाद विरोध स्वरूप वहां के जूनियर डॉक्टर 11 जून से हड़ताल पर हैं।
अपने संचालन मंडल की ढाई घंटे चली बैठक के बाद जूनियर डॉक्टरों के संयुक्त मोर्चा के प्रवक्ता ने रविवार को मीडिया से कहा कि हम लोग इस गतिरोध को दूर करने के इच्छुक हैं। हम लोग मुख्यमंत्री के साथ उनके पसंद की जगह पर बैठक करने के लिए तैयार हैं, लेकिन बैठक बंद कमरे में नहीं बल्कि मीडियाकर्मियों की मौजूदगी में खुले में होनी चाहिए। प्रवक्ता ने कहा कि राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों से प्रतिनिधि बैठक में शामिल हो सकें, इसके लिए बैठक स्थल पर पर्याप्त जगह होनी चाहिए।
आंदोलनरत डॉक्टरों की इस मांग पर लोग इस निष्कर्ष पर पहुंच गए कि बंगाल में डॉक्टरों का आंदोलन कथित तौर पर भाजपा द्वारा कराया जा रहा है, जो बंगाल की तृणमूल सरकार को उखाड़ने के लिए निर्धारित है। ट्विटर यूजर रूपा गुलाब ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट के साथ इस पहलू को उजागर करने की मांग की जैसा कि उन्होंने लिखा कि कोलकाता में डॉक्टर्स अब बुरी तरह से परेशान हैं कि ममता बनर्जी मान कैसे गईं। उन्होंने उन्हें बातचीत के लिए आमंत्रित किया, लेकिन डॉक्टरों ने जाने से इनकार कर दिया। अजीब है। अगर मैं अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित होता, तो मैं दौड़ पड़ता। मैं सच में होता! यहां वास्तव में क्या हो रहा है?
Doctors in Cal are now terribly upset that @MamataOfficial is climbing down. She invited them over for a chat, they refused to go. Strange. I would have rushed if I was that worried about my safety. I really would! What really is going on here?
— Rupa Gulab (@rupagulab) June 15, 2019
वहीं, एक अन्य यूजर मधुमिता मजुमदार ने टिप्पणी की है कि यह प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा मौन समर्थन के साथ एक पूर्ण संघी शो बन गया है। हम अब इस खेल को जानते हैं। यह #SaveBengal बकवास अधिक पापुलर शो की शुरुआत है। दुख की बात है कि इस गंदी राजनीति में जूनियर डॉक्टर्स प्यादे बन गए हैं।
This has become a full- fledged Sanghi show with tacit support from the @PMOIndia . We know this game now. This #SaveBengal bullshit is just the beginning of more sinister shows. Sad that the junior docs have become ready pawns in this dirty politics. @MamataOfficial keep talking
— Madhumita Mazumdar (@mmazumdar2014) June 15, 2019
वहीं, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा आंदोलनरत डॉक्टरों का समर्थन करने पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जिले गोरखपुर में बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज में बड़ी संख्या में मरीज बच्चों की मौत मामले में चर्चा में आए डॉक्टर कफील खान ट्वीट कर एसोसिएशन के पाखंड का पर्दाफाश किया है। कफील खान ने लिखा है कि हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद न तो सीएम योगी आदित्यनाथ ने मेरा बकाया भुगतान किया और न ही मेरे निलंबन को रद्द किया। प्लीज मेरे लिए भी एक बयान जारी करें। मैं भी आपकी बिरादरी से हूं। मेरा भी एक परिवार है।
Dear @IMAIndiaOrg
I have been running from pillar to post for over 2 yrs now
Inspit of high & supreme court order neither @myogiadityanath paying my dues nor revoking my suspension
Plz issue a statement for me too.
I am also from your fraternity. I also have a family to feed? pic.twitter.com/A217RtyAhK— Dr kafeel khan (@drkafeelkhan) June 15, 2019
बता दें कि हाल ही में मई महीने में सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर मुहर लगाते हुए यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार को निर्देश दिया था कि 7 जून तक डॉ. कफील के मामले में निर्णय लें और उनके बकाया देयकों का भुगतान करें। 2017 में गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई मासूम बच्चों की मौतों ने हर किसी को झकझोर रख दिया था।
राष्ट्रीय राजधानी में कई सरकारी और निजी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं सोमवार को बाधित रहेंगी, क्योंकि सैकड़ों डॉक्टरों ने पश्चिम बंगाल में हड़ताल कर रहे डॉक्टरों के समर्थन में काम का बहिष्कार करने का फैसला किया है। भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने आकस्मिक चिकित्सा सेवाओं को छोड़कर हड़ताल का आह्वान किया है। आईएमए सदस्य यहां अपने मुख्यालय पर भी धरना देंगे।
केंद्र सरकार द्वारा संचालित सफदरजंग अस्पताल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, आरएमएल अस्पताल के साथ-साथ दिल्ली सरकार के जीटीबी अस्पताल, डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल, संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल और दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल के डॉक्टर भी हड़ताल में शामिल हो रहे हैं। शीर्ष चिकित्सा संस्था आईएमए ने कहा कि सभी ओपीडी, नियमित ऑपरेशन थिएटर सेवाएं और वार्ड का निरीक्षण 24 घंटे के लिए सोमवार सुबह छह बजे से मंगलवार सुबह छह बजे तक स्थगित रहेगा। उसने कहा कि हालांकि आपातकालीन और आईसीयू सेवाएं काम करती रहेंगी।