AN-32 विमान दुर्घटना में 13 लोगों के मारे जाने पर राहुल गांधी ने जताया दुख

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अरुणाचल प्रदेश के सियांग जिले में भारतीय वायुसेना के दुर्घटनाग्रस्‍त विमान एएन-32 में सवार वायु सेना के जवानों सहित सभी 13 लोगों के मारे जाने पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दुख जताया है। राहुल ने कहा कि, अफसोस कि अब यह पुष्टि हो गई है कि सभी 13 जांबाज दुर्घटना में मारे गए हैं।

राहुल गांधी
फाइल फोटो: राहुल गांधी

वायुसेना ने गुरुवार (13 जून) को कहा कि दुर्घटनाग्रस्त हुए एएन-32 विमान में सवार सभी 13 लोगों की मौत हो चुकी है। भारतीय वायुसेना ने कहा कि आठ सदस्यों का बचाव दल क्रैश साइट पर पहुंच गया है, जहां उन्हें कोई भी जीवित शख्स नहीं मिला है। वायुसेना ने बताया कि इस दुखद हादसे में मारे गए सभी 13 लोगों के परिवार को सूचना दे दी गई है। भारतीय वायुसेना ने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी।

वायुसेना के इस बयान के बाद राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, “10 दिनों तक भारत ने यह उम्मीद की, और प्रार्थना की कि लापता विमान एएन-32 पर हमारे 13 जाबांज सुरक्षित रहें। अफसोस कि अब यह पुष्टि हो गई है कि सभी 13 जांबाज दुर्घटना में मारे गए हैं। दुर्घटना में मारे गए सभी 13 लोगों के लिए मेरी गहरी संवेदना। आप मेरे विचारों और प्रार्थनाओं में हैं।”

वायुसेना के एक अधिकारी ने बताया कि एएन-32 विमान दुर्घटना में कोई भी जीवित नहीं बचा। प्रवक्ता ने कहा, ‘‘वायुसेना तीन जून 2019 को एएन-32 (विमान) के दुर्घटनाग्रस्त होने के दौरान अपनी जान गंवाने वाले वायुसेना के बहादुर जांबाजों को श्रद्धांजलि अर्पित करती है और वह मृतकों के परिजनों के साथ खड़ी है। उनकी (मृतकों की) आत्मा को शांति मिले।’’

दुर्घटना में अपनी जान गंवाने वालों में विंग कमांडर जी एम चार्ल्स, स्कवाड्रन लीडर एच विनोद, फ्लाइट लेफ्टिनेंट एल आर थापा, एम के गर्ग, आशीष तंवर और सुमित मोहंती, वारंट ऑफिसर के के मिश्रा, सार्जेंट अनूप कुमार, कॉरपोरल शेरीन, एलएसी (लीडिंग एयरक्राफ्ट मैन) एस के सिंह, एलएसी पंकज तथा गैर-लड़ाकू राजेश कुमार एवं पुताली शामिल हैं।

रूस निर्मित एएन-32 विमान तीन जून को असम के जोरहाट से चीन की सीमा के पास मेंचुका एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड जा रहा था। तभी उड़ान भरने के करीब आधे घंटे बाद उसका रडार से संपर्क टूट गया। वायुसेना के एक हेलीकॉप्टर ने मंगलवार को सियांग और शी-योमी जिलों की सीमा पर स्थित गाट्टे गांव के पास 12,000 फुट की ऊंचाई पर विमान का मलबा देखा था। इससे पहले, विमानों और हेलीकॉप्टरों के बेड़े तथा जमीनी बलों ने आठ दिनों तक व्यापक खोज अभियान चलाया था।

वायुसेना के एक अधिकारी ने बताया कि बचावकर्मियों की 15 सदस्यीय एक टीम बुधवार को भेजी गई थी और उनमें से आठ लोग बृहस्पतिवार को दुर्घटनास्थल पर पहुंचे। (इंपुट: भाषा के साथ)

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