मुख्यमंत्री के साथ तनाव के बीच नवजोत सिंह सिद्धू से अहम मंत्रालय की बागडोर छीनी गयी

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पंजाब कांग्रेस में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के बीच चल रही तकरार अब खुलकर सामने आ गई है। सिद्धू को अब पावर और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री बनाया गया है। 4 मंत्रियों को छोड़कर सभी मंत्रियों के पोर्टफोलियों में बदलाव किया गया है।

लोकसभा चुनाव के दौरान पंजाब के शहरी इलाकों में कांग्रेस के ‘‘खराब प्रदर्शन’’ के कारण मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की नाराजगी का शिकार हुए राज्य के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू चुनाव के बाद पहली कैबिनेट बैठक में गुरुवार को शामिल नहीं हुए।

(Pardeep Pandit/HT File Photo)

इस बीच नाराज पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने कैबिनेट सहयोगी सिद्धू के पर कतरते हुए गुरुवार को स्थानीय निकाय विभाग से हटा दिया है। यह फैसला क्रिकेट से राजनीति में आए सिद्धू की तरफ से कैबिनटे की बैठक में न जाने और प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुख्यमंत्री सिंह के खिलाफ बोलने के बाद किया गया है। पंजाब के मुख्यमंत्री सिंह ने हाल में कहा था कि वह लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन को देखकर सिद्धू का स्थानीय शासन विभाग बदलना चाहते हैं।

लोकसभा चुनावों के बाद गुरुवार को हुई पहली कैबिनेट की बैठक थी। लेकिन दोनों नेताओं के बीच जुबानी जंग के बाद गुरुवार को सिद्धू, सीएम अमरिंदर की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक से नदारद रहे। इसके बाद सिद्धू ने सीएम सिंह पर पलटवार करते हुए कहा है कि उन्हें जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है। सिद्धू ने पंजाब कैबिनेट की बैठक में ना पहुंचने पर सफाई दी।

सिद्धू ने पत्रकारों से कहा, ‘‘मुझे हल्के में नहीं लिया जा सकता। मैंने अपने जीवन के 40 साल तक अच्छा प्रदर्शन करके दिखाया है, भले ही वह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट की बात हो या ज्योफ्री बॉयकाट के साथ विस्तरीय कमेंट्री की बात, टीवी कार्यक्रम की बात हो या प्रेरक वार्ता का मामला हो।’’ उन्होंने कहा कि पंजाब में पार्टी की जीत में शहरी इलाकों ने अहम भूमिका निभाई और उनके विभाग पर निशाना साधा जा रहा है।

सिद्धू ने कहा, ‘‘केवल मेरे विभाग पर सार्वजनिक तौर पर निशाना साधा जा रहा हैं। मैं हमेशा मुझसे बड़ा होने के नाते उनका सम्मान करता हूं। मैं हमेशा उनकी बात सुनता हूं। लेकिन इससे दुख पहुंचता है। सामूहिक जिम्मेदारी कहां गई? वह मुझे बुलाकर वह सब कह सकते थे, जो वह कहना चाहते थे।’’ बता दें किहालिया आम चुनाव में कांग्रेस ने पंजाब की 13 में से आठ सीटों में जीत हासिल की थी। शिअद-भाजपा को चार और आप को एक सीट मिली थी।

 

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