चुनावी बुखार चढ़ने के साथ ही गिरता जा रहा नेताओं की भाषा का स्तर, उमा भारती ने प्रियंका गांधी को बताया ‘चोर की पत्नी’

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देश में चुनावी बुखार चढ़ने के साथ ही नेताओं की भाषा का स्तर दिन-ब-दिन गिरता प्रतीत हो रहा है और उनकी जुबान फिसलने का सिलसिला जारी है। चुनाव आयोग ने जहां बिगड़े बोलों के कारण बसपा चीफ मायावती, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, सपा नेता आजम खान और केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी के चुनाव प्रचार पर कुछ समय का प्रतिबंध लगा रखा है। वहीं, इससे बाकी नेताओं पर असर होता नहीं दिख रहा है। केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती के मंगलवार को दिए बयानों से तो ऐसा ही लगता है।

File Photo: IANS

केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने मंगलवार को पत्रकारों के सवालों का जवाब देने के दौरान कहा कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा चोर की पत्नी हैं और हिन्दुस्तान उन्हें उसी नजर से देखेगा। दुर्ग लोकसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार के दौरान जब संवाददाताओं ने प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने और सक्रिय राजनीति में आने को लेकर भारती से सवाल किया तब उन्होंने कहा, ‘‘उनके पति पर चोरी का आरोप है। चोर की पत्नी को किस नजर से देखा जाता है, हिंदुस्तान उन्हें उसी नजर से देखेगा।’’

प्रियंका गांधी के बनारस से चुनाव लड़ने के सवाल पर भारती ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र में कोई भी कहीं से भी चुनाव लड़ सकता है। भारती ने चुनाव आयोग द्वारा योगी आदित्यनाथ और आजम खान के खिलाफ की गई कार्रवाई के संबंध में कहा कि आयोग ने योगी जी और आजम खान को एक जैसा दंड सुनाया है। जबकि दोनों के अपराध में बहुत बड़ा अंतर है।

उन्होंने कहा कि एक का तो मामला इतना है कि मायावती जी ने कुछ कहा और उसकी प्रतिक्रिया में योगी जी ने कुछ कहा। उन्होंने भगवान का नाम लिया। किसी महिला का या किसी का अपमान नहीं किया। लेकिन जो समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान ने किया है। उनके हिसाब से तो उन पर जो कार्रवाई होनी चाहिए वह सिर्फ बोलती बंद कर देनी की नहीं होनी चाहिए। बल्कि भारतीय दंड प्रक्रियाओं के अंतर्गत भारत की महिलाओं के अपमान करने के जितने भी कायदे कानून होते हैं वह सब उनपर लागू होने चाहिए। उनको अयोग्य ठहराया जाना चाहिए।

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के दो लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने को लेकर भी उमा भारती ने कहा कि वह अपनी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष है। वह कहीं से भी चुनाव लड़ सकते हैं। पर अमेठी की जो रिपोर्ट सामने आई है उसको आधार बनाकर राहुल गांधी ने दो सीट से लड़ने का फैसला लिया है। मतलब यह है कि उन्होंने अमेठी से पहले ही अपनी हार मान ली है। राज्य में वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को एक मात्र दुर्ग सीट से हार का सामना करना पड़ा था।

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