कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सोमवार (25 मार्च) को एक बड़ा दाव चलते हुए ‘न्यूनतम आय गारंटी योजना’ (न्याय) के तहत प्रत्येक भारतीय की 12,000 रुपए प्रति माह आय सुनिश्चित करने और पांच करोड़ गरीब परिवारों को प्रति वर्ष 72,000 रुपये देने की घोषणा की। राहुल गांधी ने एक विशेष संवाददाता सम्मेलन में बताया कि कांग्रेस ने भारत में गरीबी खत्म करने का संकल्प लिया है। इसके लिए पार्टी दुनिया में अभूतपूर्व और ऐतिहासिक ‘न्यूनतम आय योजना’ (न्याय) लेकर आएगी।
राहुल गांधी की न्यूनतम आय गारंटी योजना के ऐलान पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर और अर्थशास्त्री रघुराम राजन ने कहा कि लोगों को सीधे पैसा देना अक्सर उन्हें सशक्त बनाने का एक तरीका है। राजन ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि इस योजना का डिटेल क्या होगा, यह मारने रखता है। यह योजना एक ऐड-ऑन की तरह होगा या जो अभी मौजूदा चीजें हैं उसके विकल्प के तौर पर? हम गरीबों तक कैसे इस योजना को कैसे लेकर जाएंगे?
उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष के ऐलान की तारीफ करते हुए आगे कहा, “हमने समय के साथ देखा है कि लोगों को सीधे पैसा देना अक्सर उन्हें सशक्त बनाने का एक तरीका है। वे उस धन का उपयोग उन सेवाओं के लिए कर सकते हैं, जिनकी उन्हें आवश्यकता है। हमें यह समझने की जरूरत है कि ऐसी कौन सी चीजें या योजनाएं (सब्सिडी) हैं जिन्हें प्रक्रिया में प्रतिस्थापित किया जाएगा।”
राजन ने इस दौरान सरकार द्वारा देश में बढ़ती बेरोजगारी पर पर्याप्त ध्यान नहीं देने पर भी अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि देश में नौकरियों की भारी किल्लत है, लेकिन सरकार इस पर सहीं से ध्यान नहीं दे रही है। प्रसिद्ध अर्थशास्त्री ने एनडीटीवी से कहा कि भारत में अच्छी नौकरियों की बड़ी किल्लत है। मगर अवसर नहीं हैं। मुझे चिंता है कि हम बेरोजगारी पर पर्याप्त ध्यान नहीं दे रहे हैं। लंबे समय से नौकरियों के आंकड़े बहुत खराब हैं। हमें इनमें सुधार करने की आवश्यकता है।
बता दें कि राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि केंद्र में उनकी पार्टी की सरकार बनने पर देश के 20 प्रतिशत सबसे गरीब परिवारों में से हर एक परिवार को सालाना 72 हजार रुपये (6 हजार रुपये महीना) दिए जाएंगे। राहुल की घोषणा के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री जेटली ने निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस ने हमेशा योजनाओं के नाम पर सिर्फ छल-कपट किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस का इतिहास गरीबी हटाने के नाम पर सिर्फ राजनीतिक व्यवसाय करने का रहा है। कांग्रेस ने गरीबी हटाने के लिए कभी संसाधन नहीं दिए।