सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व भारतीय क्रिकेटर एस श्रीसंत पर बीसीसीआई की अनुशासनात्मक समिति द्वारा आजीवन प्रतिबंध लगाने का आदेश शुक्रवार (15 मार्च) को निरस्त कर दिया। समिति ने 2013 के आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में कथित भूमिका के लिये श्रीसंत पर आजीवन प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था। न्यायालय ने 2013 के आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में कथित तौर पर शामिल क्रिकेटर एस श्रीसंत पर बीसीसीआई के आजीवन प्रतिबंध लगाने का आदेश निरस्त करते हुए इस शीर्ष क्रिकेट निकाय से कहा कि वह तीन महीने के भीतर प्रतिबंध की अवधि पर पुनर्विचार करे।
हालांकि शीर्ष न्यायालय ने बीसीसीआई की अनुशासन समिति के उस निर्णय को बरकरार रखा, जिसमें कहा गया था कि इस 36 वर्षीय क्रिकेटर के खिलाफ, बोर्ड ऑफ कंट्रोल फॉर क्रिकेट इन इंडिया (बीसीसीआई) के भ्रष्टाचार विरोधी संहिता के तहत सट्टेबाजी और भ्रष्टाचार के आरोप सिद्ध हुए हैं। अपने 74 पृष्ठों के फैसले में न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ ने कहा कि बीसीसीआई की अनुशासनात्मक समिति श्रीसंत को दी जाने वाली सजा की अवधि पर तीन महीने के भीतर पुनर्विचार कर सकती है जैसा कि भ्रष्टाचार विरोधी संहिता में उल्लेख है।
पीठ ने स्पष्ट किया कि पूर्व क्रिकेटर को सजा देने से पहले उसकी अवधि के बारे में उसका पक्ष सुना जाना चाहिए। श्रीसंत को कुछ राहत देते हुए पीठ ने कहा कि उनके इस आदेश का श्रीसंत के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में लंबित आपराधिक मामले की कार्यवाही पर कोई असर नहीं पड़ेगा। दिल्ली पुलिस ने आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में शामिल श्रीसंत समेत सभी आरोपियों को बरी करने के निचली अदालत के फैसले को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दे रखी है। शीर्ष अदालत ने श्रीसंत की याचिका पर यह आदेश दिया।
सोशल मीडिया पर लोगों ने लिए मजे
श्रीसंत ने इस याचिका में उन पर लगा आजीवन प्रतिबंध बनाए रखने के केरल उच्च न्यायालय की खंडपीठ के आदेश को चुनौती दी थी। इस राहत से प्रसन्न श्रीसंत को उम्मीद बंधी है कि बीसीसीआई अब उन्हें क्रिकेट के मैदान में उतरने का मौका देगी। उन्होंने पीटीआई से कहा, ‘‘मुझे आशा है कि बीसीसीआई देश की सर्वोच्च अदालत के फैसले का सम्मान करेगी और मुझे कम से कम क्रिकेट मैदान में वापस आने देगी।’’ श्रीसंत ने कहा कि अगर लिएंडर पेस 42 साल की उम्र में ग्रैंडस्लैम जीत सकते हैं तो वह कम से कम 36 वर्ष में कुछ क्रिकेट खेल सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला और श्रीसंत का यह बयान आने के बाद सोशल मीडिया यूजर्स जमकर मजे ले रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, “नच बलिये, बिग बॉस, झलक दिखला जा और फियर फैक्टर देख कर बड़ी हुई एक पूरी पीढ़ी को आज पता चला कि श्रीसंथ दरअसल क्रिकेटर है।” इसके अलावा उनके फैन द्वारा काफी खुशी जताई जा रही है। श्रीसंत के फैन को उम्मीद है कि वह जल्द ही क्रिकेट के मैदान पर वापसी करेंगे।
देखिए, लोगों की प्रतिक्रियाएं:
नच बलिये, बिग बॉस, झलक दिखला जा और फियर फैक्टर देख कर बड़ी हुई एक पूरी पीढ़ी को आज पता चला कि श्रीसंथ दरअसल क्रिकेटर है #Sreesanth
— Kirtish Bhatt (@Kirtishbhat) March 15, 2019
एस श्रीसंत पर सुप्रीम कोर्ट ने आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में आजीवन प्रतिबंध हटा दिया है. अब सबका बदला लेगा तेरा भाई श्रीसंत?✌? pic.twitter.com/OzkAr7jGgi
— jeetujitendra4 (@jeetujitendra41) March 15, 2019
#BCCI was clean bowled by #Sreesanth most satisfying day for a cricket fan..??@BCCI ????
— Lionhearts_96 (@Style__raj) March 15, 2019
All the Best @sreesanth36 Bhai.. Don't worry about anything,the verdict will surely be in your favour..We will win for sure??…Aakhirkar woh 5saal ka lamba intezaar aaj khatam hone Wala h "Andhera hatega, Sreesanth khilega" pic.twitter.com/0Qw5CV6ttm
— Asita Jana #NAMO FAN?#SREEFAM FOR LIFE (@Asitaprincess) March 15, 2019
Take Sreesanth to the World Cup! ?
— Malay Desai (@MalayD) March 15, 2019
Wait is over .. Sree bhai is all set to comeback.. #Sreesanth pic.twitter.com/7S9Y1TK4Fe
— Avadhutwadar (@Avadhutwadar1) March 15, 2019
श्रीसंत के साथ मुंबई के स्पिनर अंकित चव्हाण और हरियाणा के अजीत चंदिला को 2013 में बीसीसीआई की अनुशासनात्मक समिति ने आजीवन प्रतिबंधित कर दिया था, जिसके बाद श्रीसंत ने इस फैसले को अदालत में चुनौती दी थी। श्रीसंत 2007 विश्व टी20 और 2011 वनडे विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रह चुके हैं। भारतीय क्रिकेट के मामले देख रही प्रशासकों की समिति (सीओए) अगली बैठक में एस श्रीसंत पर लगे आजीवन प्रतिबंध की चर्चा करेगी क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई से इस तेज गेंदबाज की सजा पर पुनर्विचार करने को कहा है।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ ने कहा कि बीसीसीआई की अनुशासनात्मक समिति श्रीसंत को दी जाने वाली सजा की अवधि पर तीन महीने के भीतर पुनर्विचार कर सकती है। पीठ ने स्पष्ट किया कि पूर्व क्रिकेटर को सजा देने से पहले उसकी अवधि के बारे में श्रीसंत का पक्ष सुना जाना चाहिए। सीओए प्रमुख विनोद राय ने पीटीआई से कहा, ‘‘हां, मैंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बारे में सुना। हमें आदेश की प्रति प्राप्त करनी होगी। हम निश्चित रूप से सीओए बैठक में इस मुद्दे को उठाएंगे। ’’