प्रतिबंधित भारतीय क्रिकेटर एस श्रीसंत को शुक्रवार (15 मार्च) को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने उन पर भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा लगाए गए आजीवन प्रतिबंध को निरस्त करने का फैसला किया है। इसके साथ ही बीसीसीआई को तीन महीने के अंदर इस मामले पर फैसला लेने को कहा है। श्रीसंत पर 2013 के आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग के आरोप लगे थे।
फैसले के बाद श्रीसंत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से मुझे खुशी हुई है, मैं मैदान पर वापसी के लिए तैयार हूं। कथित स्पॉट फिक्सिंग से संबंधित एक आपराधिक मामले में गिरफ्तार श्रीसंत को जुलाई 2015 में यहां एक निचली अदालत ने आरोपमुक्त किया था। बता दें कि आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मैच में नाम सामने आने के बाद बीसीसीआई ने उन पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि श्रीसंत का यह कहना गलत है कि बीसीसीआई को उसे सजा देने का अधिकार नहीं है। बीसीसीआई को किसी भी मामले में क्रिकेटर पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का अधिकार होता है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में बीसीसीआई से तीन महीने के भीतर श्रीसंत की याचिका पर पुनर्विचार करने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि श्रीसंत को दी गई सजा अधिक है। बीसीसीआई उनकी सजा पर फिर से विचार करे और इस पर तीन महीने में निर्णय ले।
Spot fixing case: Supreme Court in its order asked the BCCI to reconsider S Sreesanth's plea within three months. pic.twitter.com/VXrtP0yWzO
— ANI (@ANI) March 15, 2019
35 वर्षीय क्रिकेटर ने केरल हाई कोर्ट की दो सदस्यीय पीठ के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी, जिसमें बीसीसीआई द्वारा उनपर लगाए गए आजीवन प्रतिबंध को बरकरार रखा गया था। केरल हाई कोर्ट की एक सदस्यीय पीठ ने श्रीसंत पर बीसीसीआई द्वारा लगाए गए आजीवन प्रतिबंध को हटा दिया था और बोर्ड द्वारा उनके खिलाफ शुरू की गई सारी कार्यवाही को निरस्त कर दिया था।
बाद में हाई कोर्ट की दो सदस्यीय पीठ ने एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ बीसीसीआई द्वारा दायर याचिका पर प्रतिबंध को बहाल कर दिया था। श्रीसंत का दावा है कि उन्हें कथित अपराध में अपनी संलिप्तता इसलिए कबूल करनी पड़ी क्योंकि पुलिस ने हिरासत में उन्हें यातनाएं दीं और इस मामले में उनके परिवार को फंसाने की धमकी दी थी।