EXCLUSIVE: आचार संहिता लागू होने के ठीक पहले मोदी सरकार ने ED में की बड़े पैमाने पर उच्च स्तर के अधिकारियों की नियुक्तियां, सरकार की मंशा पर उठे सवाल

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मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने रविवार (10 मार्च) को चुनाव कार्यक्रम घोषित करते हुए बताया कि आम चुनाव का कार्यक्रम घोषित होने के साथ ही देश में चुनाव आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है। लेकिन चुनाव आयोग द्वारा आम चुनाव की घोषणा के बाद देश भर में आचार संहिता लागू होने के ठीक पहले केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) में बड़े स्तर के अधिकारियों की नियुक्ति को अपनी मंजूरी दे दी थी।

1983 बैच के आईएएस अधिकारी सुभाष चंद्र गर्ग को शुक्रवार को वित्त सचिव नामित किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने गर्ग को वित्त सचिव नामित किया। इसके अलावा उसी दिन सरकार द्वारा 2001 और 2002 बैच के IRS अधिकारी क्रमश: केएसवीवी प्रसाद और मोनिका शर्मा को ईडी में संयुक्त निदेशक नियुक्त करने की घोषणा की।

यह नियुक्तियां ईडी में छह अन्य संयुक्त और अतिरिक्त निदेशकों की अलग-अलग नियुक्तियों के साथ हुई। उनमें से तीन, अमित दुआ, रोहित द्विवेदी और के जयगणेश को चार साल की अवधि के लिए नियुक्त किया गया है, जबकि रमनजीत कौर सेठी की नियुक्ति अगले साल मार्च तक के लिए की गई है। विद्युत् विकाश 19 फरवरी 2021 तक अपनी भूमिका में रहेंगे, जबकि अशोक गौतम का कार्यकाल इस साल 22 दिसंबर को समाप्त होगा।

वहीं, इन नियुक्तियों के एक दिन बाद अरुण जेटली की अध्यक्षता वाले वित्त मंत्रालय ने घोषणा की कि वह प्रवर्तन निदेशालय के 13 खाली पदों को तत्काल प्रभाव से भर रहे हैं। इन 13 अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति के आधार पर नियुक्त किया गया, ये सभी 2010 से 2018 बैच के आईआरएस अधिकारी हैं। इनमें जितेंद्र कुमार गोगिया, हर्षल विथैराव मेटे, नितिन कुमार जयमान, आकाश जैन, नवनीत अग्रवाल, राजपाल सिंह खैरा, रमा गोपाल रेड्डी करारी, महेश कुमार गुप्ता, भारत रामचंद्र अंधले, स्मृति त्रिपाठी, यदुराज सिंह, निशि चौधरी, मीर चौधरी और मीर शामिल हैं।

इसके अलावा मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने वरिष्ठ नौकरशाह अनूप कुमार दुबे और सुशील कुमार को रविवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) में विशेष निदेशक नियुक्त करने की मंजूरी दे दी। कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, दुबे को दिल्ली में ईडी का विशेष निदेशक, जबकि कुमार को चेन्नई में इस जांच एजेंसी का विशेष निदेशक बनाया गया है।

सरकार की मंशा पर उठे सवाल

आदर्श आचार संहिता लागू होने के ठीक एक दिन पहले ईडी के भीतर इस तरह की बड़े पैमाने पर नियुक्तियां सरकार की मंशा पर सवाल खड़ा करती है। क्योंकि इस वक्त ललित मोदी, विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी जैसे देश से फरार भगोड़ों के आर्थिक अपराध मामलों की जांच ईडी ही कर रही है। यही वजह है कि आम चुनाव की घोषणा से ठीक पहले ईडी में इतने बड़े पैमाने पर नियुक्तियां को लेकर सभी हैरान हैं।

एजेंसी पर भारतीयों के हजारों करोड़ रुपये लूटकर ऐशगाह में जिंदगी बिता रहे इन आर्थिक अपराधियों के खिलाफ जांच को धीमी गति से चलाने का आरोप लगते रहे हैं। शुक्रवार को ब्रिटिश अखबार ‘द टेलीग्राफ’ द्वारा जारी एक वीडियो में साफ तौर पर देखा गया कि कैसे पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से करीब 14,000 करोड़ रुपए का घोटाला करके भारत से फरार आरोपी नीरव मोदी आराम से लंदन में रह रहा है और वहां की सड़कों पर सरेआम घूमते हुए पाया गया।

ब्रिटेन के इस बड़े अखबार ने अपनी खबर में दावा किया है कि नीरव मोदी लंदन में आलीशान अपार्टमेंट में रहता है और वहां की सड़कों पर खुलेआम घूमता है। अखबार के रिपोर्टर ने अपनी पड़ताल में पाया कि नीरव मोदी टोटेनहम कोर्ट रोड में एक आलीशान अपार्टमेंट में फ्लैट लेकर रह रहा है। इतना ही नहीं, हजारों करोड़ों रुपये का घोटाला करके भागे नीरव ने हीरे का एक नया कारोबार भी शुरू कर दिया।

13 हजार करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक के कर्ज घोटाले को अंजाम देने वाला नीरव मोदी और उसका मामा मेहुल चौकसी पिछले साल ही देश से फरार हुए, जबकि ललित मोदी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फंसने के बाद ही देश छोड़ गया था। ललित मोदी मामले में मुंबई की एक विशेष अदालत ने 2009 में ईडी को मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में उनकी कथित संलिप्तता के लिए उन्हें प्रत्यर्पित करने के लिए ईडी को मंजूरी दी थी। लेकिन, बावजूद इसके प्रत्यर्पण के लिए औपचारिक अनुरोध करने में एजेंसी विफल रही।

वह भी खुलेआम लंदन में रह रहा है। पूर्व आईपीएल अध्यक्ष के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कराने के लिए इंटरपोल से अनुरोध करने में एजेंसी को आठ साल लग गए। हालांकि, इंटरपोल ने 2017 में ईडी के अनुरोध को इस आधार पर खारिज कर दिया कि भारत ने अभी तक यूनाइटेड किंगडम के प्रत्यर्पण के लिए अनुरोध नहीं किया है। पिछले महीने ही अभी ED ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि वह राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बेटे के साथ ललित मोदी के संदिग्ध वित्तीय व्यवहार की फिर से जांच करेगा।

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