PMO की वजह से प्रधानमंत्री मोदी को करना पड़ा शर्मिंदगी का सामना, ट्विटर पर किरकिरी और कांग्रेस की आपत्ति के बाद डिलीट किया ट्वीट

0

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (9 अक्टूबर) को हरियाणा के रोहतक जिले में सर छोटूराम की प्रतिमा का अनावरण किया और गरीबों व किसानों के अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए उनकी प्रगतिशील सोच और लगातार काम की सराहना की। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने सर छोटूराम की 64 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया। इसके साथ ही पीएम मोदी ने पुष्प अर्पित कर किसानों के मसीहा रहबर-ए-आज़म को नमन भी किया। सर छोटू राम की यह प्रतिमा हरियाणा की सबसे ऊंची मूर्ति है।

File Photo: AFP

दिल्ली से करीब 65 किलोमीटर दूर सांपला कस्बे में प्रतिमा का अनावरण करने के बाद जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि किसान नेता ब्रिटिश शासन के दौरान फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए लड़ने वाले सबसे पहले नेता थे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “ये मेरा सौभाग्य है कि आज मुझे सांपला में मुझे ‘किसानों की आवाज, किसानों के मसीहा, रहबर-ए-आजम, दीनबंधु चौधरी छोटूराम जी’ की इतनी भव्य और विशाल प्रतिमा का अनावरण करने का अवसर मिला।”

PMO की वजह से प्रधानमंत्री को करना पड़ा शर्मिंदगी का सामना

हालांकि, मंगलवार को प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की वजह से पीएम नरेंद्र मोदी को सोशल मीडिया पर शर्मिंदगी का सामना करना पड़ गया। दरअसल, पीएम मोदी ने अपने भाषण में सर छोटूराम को “किसानों का मसीहा” बताया था। लेकिन पीएमओ के ट्वीटर हैंडर से ट्वीट कर प्रधानमंत्री के हवाले से छोटूराम को किसानों की जगह “जाटों का मसीहा” बता दिया। जबकि पीएम मोदी ने ऐसा बोला ही नहीं था।

पीएम मोदी के हवाले से पीएमओ की ओर ट्वीट में कहा गया था, “ये मेरा सौभाग्य है कि मुझे ‘किसानों की आवाज, जाटो के मसीहा, रहबर-ए-आजम, दीनबंधु चौधरी छोटूराम जी’ की इतनी भव्य और विशाल प्रतिमा का अनावरण करने का अवसर मिला। यहां इस सभा में आने से पहले मैं चौधरी छोटूराम जी की याद में बने संग्रहालय भी गया था।”

इस ट्वीट को लेकर लोगों ने सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया। सोशल मीडिया पर हुई किरकिरी और कांग्रेस की आपत्ति के बाद आखिरकार पीएमओ द्वारा इस विवादित ट्वीट को डिलीट करना पड़ा। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सबसे पहले ट्वीट कर पीएम मोदी पर निशाना साधा था।

कांग्रेस नेता ने लिखा, “प्रधानमंत्रीजी! इस ट्वीट में आपने दीनबंधु रहबरे आजम सर छोटूराम को जाति के बंधन में बाँधने की कोशिश की है। यह आपकी संकीर्ण वोट बैंक राजनीति का जीता जागता सबूत है, जो जाति-धर्म के विभाजन से बाहर नहीं आती। सर छोटूराम महान नेता थे और पुरे भारत का किसान उन्हें अपना मसीहा मानता आया है।”

इसके बाद पीएमओ की ओर से ट्वीट डिलीट करने पर कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने पीएम मोदी पर एक बार फिर निशाना साधा। उन्होंने लिखा, “आदरणीय मोदी जी, अब @PMOIndia ने अपना ट्वीट हटा लिया। पर जाति-धर्म के बँटवारे पर वोट बैंक की राजनीति करने वाली अपनी मानसिकता को एक ट्वीट मिटा कर छुपा नहीं सकते। रोज़ आपके अन्याय से त्रस्त किसान अब जाति के जुमलों से नहीं बहकने वाला। आप हरियाणा और देश के किसानों से माफ़ी माँगिये।”

कांग्रेस के अलावा सोशल मीडिया पर तमाम बड़ी हस्तियों ने पीएमओ के इस ट्वीट की तीखी आलोचना की। हालांकि विवाद बढ़ता देख पीएमओ द्वारा इस ट्वीट को डिलीट कर दिया गया। इस ट्वीट पर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के वकील सुखविंदर नारा ने कहा कि सर छोटू राम एक जाति विशेष नही, बल्कि किसान, मजदूर और गरीब सबके मसीहा थे।

आपको बता दें कि हरियाणा के जाट नेता व सर छोटूराम के पोते केंद्रीय इस्पात मंत्री बीरेंद्र सिंह भी 64 फीट ऊंची प्रतिमा के अनावरण समारोह में मौजूद रहे। सर छोटूराम (1881-1945) आजादी से पहले के युग के एक जाने-माने नेता थे। इस समारोह में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल व हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के अलावा हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य, हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत और जम्मू एवं कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने शिरकत की।

मोदी ने दीनबंधु छोटूराम को समर्पित संग्रहालय का भी दौरा किया। उन्होंने बाद में सोनीपत जिले के बरही में 500 करोड़ रुपये की रेल कोच फैक्ट्री की आधारशिला रखी। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री गुजरात के वडोदरा के समीप 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। कहा जा रहा है कि यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी।

Previous articleSandhya Mridul was required to shoot scene by sitting on Alok Nath's lap night after he tried to rape her
Next articleCongress demands resignation of MJ Akbar after more journalists accuse him of sexual harassment