दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल विवाद पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (4 जुलाई) को कहा कि उपराज्यपाल हर मामले को राष्ट्रपति को रेफर नहीं कर सकते हैं। साफ है कि अब उपराज्यपाल मामलों को राष्ट्रपति को रेफर करने का हवाला देते हुए लटका नहीं सकते हैं, उन्हें कैबिनेट की सलाह या फिर खुद से फैसला लेना ही पड़ेगा।फैसले में अधिकतर बातें केजरीवाल सरकार के हक में गई हैं, लेकिन कोर्ट की तरफ से कहा गया है कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं मिल सकता है।
सुप्रीम कोर्ट के इस फ़ैसले को आम आदमी पार्टी(आप) ने जनता की अपेक्षाओं की जीत बताते हुए फ़ैसले का स्वागत किया है। वहीं, दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद सोशल मीडिया यूजर्स भी केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोल रही है। लोगों का कहना है कि, ‘केंद्र सरकार और गोदी मीडिया को ये सबक़ की लोकतंत्र में जनता द्वारा चुनी हुई सरकार के हर काम में अड़ंगा अच्छी बात नहीं है- एक लंबे अरसे तक याद रहेगा।’
उल्लेखनीय है कि, सर्वोच्च अदालत ने आज अपने फ़ैसले में मौजूदा संवैधानिक प्रावधानों के हवाले से कहा कि दिल्ली में उपराज्यपाल मंत्रिपरिषद की सलाह पर काम करने को बाध्य है। सिर्फ़ भूमि, क़ानून व्यवस्था और वित्त मामलों में दिल्ली सरकार के बजाय केंद्र सरकार के पास प्रभावी अधिकार है।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ‘यह दिल्ली के लोगों और लोकतंत्र की एक बड़ी जीत है।’ बता दें कि, इस फैसले के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार (4 जुलाई) को अपने कैबिनेट मंत्रियों की बैठक बुलाई है, यह बैठक शाम चार बजे होगी।
समाचार एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, अदालत के फ़ैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आप के राज्यसभा सदस्य और पार्टी प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा ‘जनता उसके हित के लिए काम करने की उम्मीद से सरकार चुनती है, लेकिन दिल्ली में चुनी हुई सरकार को काम नहीं करने दिए जाने से जनता निराश थी, सर्वोच्च अदालत का फ़ैसला दिल्ली की जनता की जीत है।’
वहीं, पार्टी नेता राघव चड्ढा ने कहा ‘फ़ैसले से साफ़ है कि ज़मीन, पुलिस और क़ानून व्यवस्था दिल्ली सरकार के अधीन नहीं है। इन तीन विषयों को छोड़ कर, चाहे वो बाबुओं के तबादला का मसला हो या अन्य मामले हों, वे सब अब दिल्ली सरकार के अधीन आ जाएँगे।’
आप नेता दिलीप पांडे ने ट्वीट कर कहा ‘बधाई हो, दिल्ली! आप की जीत हुई, दिल्ली की जीत हुई, सुप्रीम कोर्ट ने जनतंत्र को सर्वोच्च रखा। जनता के अधिकारों के सम्मान का दिन है।’ पांडे ने इसे अहंकार की हार बताते हुए कहा ‘अब फाइलें एलजी दफ्तर के बेवजह चक्कर लगाकर दम नहीं तोड़ेंगी। सेवा सम्बंधी मामले में भी एलजी का हस्तक्षेप ख़त्म।’ उन्होंने कहा कि अब जनता का शासन होगा, घर घर राशन होगा, सीसीटीवी कैमरा भी होगा, मोहल्ला क्लिनिक इत्यादि भी समय से बन सकेंगे।
संजय सिंह ने ट्वीट कर कहा ‘न्यायपालिका ने लोकतंत्र के स्तम्भ को मजबूत किया, सुप्रीम कोर्ट के फैसले से साबित हो गया कि देश आम आदमी के वोट से चलेगा, लाट साहेब के डंडे से नही।’
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद सोशल मीडिया यूजर्स भी केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोल रही है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद सोशल मीडिया पर अरविंद केजरीवाल और एलजी पर तरह तरह के रिएक्शन आए हैं जिसमें दिल्ली के लोग कोर्ट के फैसलें का समर्थन कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि, ‘तीन साल दिल्ली के विकास को रोकने की जिम्मेदारी क्या अब केंद्र सरकार लेगी???’
इसी बीच एक यूजर ने लिखा, ‘सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट कर दिया, जनता की सरकार दिल्ली के लिए ज़िम्मेदार है| अपने राजनीतिक फ़ायदे के लिए पिछले ३ साल से संवैधानिक संकट पैदा करने वाली, विकास में आड़े आने वाली भाजपा की केंद्र सरकार, LG और हाँ, प्रधान मंत्री जी की क्या जवाबदेही है?’
देखिए कुछ ऐसे ही ट्वीट :
तीन साल दिल्ली के विकास को रोकने की जिम्मेदारी क्या अब केंद्र सरकार लेगी???
— Nitin Tyagi (@NitinTyagiAAP) July 4, 2018
सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट कर दिया, जनता की सरकार दिल्ली के लिए ज़िम्मेदार है| अपने राजनीतिक फ़ायदे के लिए पिछले ३ साल से संवैधानिक संकट पैदा करने वाली, विकास में आड़े आने वाली भाजपा की केंद्र सरकार, LG और हाँ, प्रधान मंत्री जी की क्या जवाबदेही है?
— Jayant Chaudhary (@jayantrld) July 4, 2018
केंद्र सरकार और गोदी मीडिया को ये सबक़ की लोकतंत्र में जनता द्वारा चुनी हुई सरकार के हर काम में अड़ंगा अच्छी बात नहीं है- एक लंबे अरसे तक याद रहेगा। @ArvindKejriwal जी बधाई के पात्र है की उन्होंने दिल्ली की जनता के हक़ के लिये सड़क से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक़ लड़ाई लड़ी और जीती।
— Imran Pratapgarhi (@ShayarImran) July 4, 2018
सुप्रीम कोर्ट ने किया दूध को पानी से अलग। केंद्र की हुई फ़ज़ीहत। एलजी साबित हुए फ़र्ज़ी। पर अब केजरीवाल को भी काम देना होगा अंजाम। बहाने-धरने अब और नहीं।
— Om Thanvi (@omthanvi) July 4, 2018
लाट साहब, लोगों द्वारा निर्वाचित मुख्यमंत्री की सुने: सुप्रीम कोर्ट #DelhiPowerTussle
— Sanjay Yadav (@sanjuydv) July 4, 2018
केंद्र सरकार की बिगड़ी हुई "LG" की मशीन को सुप्रीम कोर्ट ने ठीक कर दिया
???????#DelhiPowerTussle— aap ka dost (@giftitem1) July 4, 2018
आज केंद्र की कठपुतली बन चुके LG साहब को जवाब मिल गया…
अब हर फाइल में अड़ंगा नही लगेगा और दिल्ली की जनता की चुनी हुई सरकार दिल्ली के लिए खुल कर काम कर पाएगी।#जनता_की_जीत— Aishwary Verma (@AishwaryVerma9) July 4, 2018