उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सरकारी बंगला खाली करने के लिए राज्य संपत्ति विभाग से दो वर्ष का और समय मांगा है, जबकि बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की प्रमुख मायावती के सरकारी बंगले के सामने ‘श्री कांशीराम जी यादगार विश्रामालय स्थल’ का बोर्ड लगा दिया गया है। वहीं, अब सरकारी बंगला खाली करने के आदेश के खिलाफ मुलायम सिंह यादव ने भी सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई है।
file photoएनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, वहीं अब मुलायम सिंह यादव ने भी 2 साल तक के लिये सरकारी बंगले में रहने की इजाजत के लिये सुप्रीम कोर्ट में अपील की है। उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि बीमारी के चलते उन्हें 2 साल तक के लिए बंगले में रहने दिया जाए। उनके बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पहले ही बच्चों की पढ़ाई को लेकर ऐसी ही अपील सुप्रीम कोर्ट से कर चुके हैं।
बता दें कि, यूपी के राज्य संपत्ति विभाग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुपालन में पूर्व मुख्यमंत्रियों को 15 दिन के भीतर सरकारी बंगले खाली करने का नोटिस जारी किया था। इनमें छह पूर्व मुख्यमंत्रियों नारायण दत्त तिवारी, मुलायम सिंह यादव, कल्याण सिंह, मायावती, राजनाथ सिंह और अखिलेश यादव के पास सरकारी बंगले हैं जो वीवीआईपी जोन में पड़ते हैं।
बता दें कि, बीते सात मई को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि उत्तर प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्रियों को अब सरकारी बंगले खाली करने होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने पिछली अखिलेश यादव सरकार के उस कानून को रद्द कर दिया है जिसमें पूर्व मुख्यमंत्रियों को ताउम्र सरकारी बंगला देने का प्रावधान दिया गया था।