मशहूर खोजी वेबसाइट कोबरा पोस्ट ने शुक्रवार (25 मई) को ‘ऑपरेशन 136: पार्टी- 2’ नाम के अपने स्टिंग ऑपरेशन में कई सनसनीखेज खुलासा किया है। कोबरापोस्ट ने अपने स्टिंग ऑपरेशन में देश के तमाम बड़े-बड़े मीडिया समूहों का काला चिट्ठा खोलकर रख दिया है। वेबसाइट ने अपने स्टिंग में इस बात का पर्दाफाश किया है कि किस तरह देश के कई बड़े-बड़े और दिग्गज मीडिया समूह पैसे लेकर किसी के पक्ष या विपक्ष में खबरें चलाने के लिए तैयार हैं।
कोबरापोस्ट के स्टिंग में दिखाया गया है कि किस तरह से देश के तमाम मीडिया समूह पैसों के लालच में वह उग्र हिंदुत्व के एजेंडे से लेकर विरोधी पार्टियों को नीचा दिखाने के लिए तैयार हैं। इतना ही नहीं, वे मीडिया समूह इसके लिए हजारों करोड़ रुपये का काला धन भी लेने को तैयार हैं। कोबरापोस्ट के स्टिंग में दिखाया गया है कि कैसे बड़े-बड़े मीडिया समूह ‘हिन्दुत्व’ के एजेंडे को भी आगे बढ़ाने के लिए पैसे लेकर राजनीतिक अभियान चलाने को तैयार हो गए।
स्टिंग ऑपरेशन में जिन प्रमुख मीडिया समूहों का नाम हैं, उनमें टाइम्स ग्रुप के टाइम्स ऑफ इंडिया, इंडिया टुडे, हिंदुस्तान टाइम्स, जी न्यूज, नेटवर्क 18, स्टार इंडिया, ABP न्यूज, दैनिक जागरण, रेडियो वन, रेड एफएम, लोकमत, ABN आंध्रा ज्योति, टीवी 5, दिनामलार, बिग एफएम, के न्यूज, इंडिया वाइस, द न्यू इंडियन एक्सप्रेस, MVTV और ओपन मैगजीन जैसे मीडिया समूह इस स्टिंग में पैसे के बदले खबरें चलाने को तैयार दिखे।
इस स्टिंग ऑपरेशन के वीडियो में साफ तौर पर दिखाई दे रहा है कि देश की बहुत सारी मीडिया कंपनियों के प्रतिनिधि बिल देने के बजाए कैश में भुगतान लेने को तैयार थे। देश के दिग्गज मीडिया समूहों के मैनेजिंग डायरेक्टर और चैयरमैन सहित बड़े-बड़े अधिकारी पैसों के बदले चुनावी फायदे के लिए अपने मीडिया संगठनों पर हिंदुत्व एजेंडा चलाने को तैयार हो गए। इसमें सबसे बड़ा चौंकाने वाला नाम है मोबाइल पेमेंट एप और पेमेंट बैंक पेटीएम का।
स्टिंग में पेटीएम के अजय शेखर यह स्वीकार करते हुए नजर आ रहे हैं कि उनका आरएसएस से काफी करीबी रिश्ता है और उन्होंने उनके लिए काफी काम किया है। इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार (24 मई) कोबरापोस्ट के स्टिंग ऑपरेशन की प्रेस कॉन्फ्रेंस में रोक लगा दी थी। दैनिक भास्कर मीडिया ग्रुप ने दिल्ली हाईकोर्ट में अर्जी डालकर इस स्क्रीनिंग पर रोक लगाने की मांग की थी। भास्कर की दलील थी कि कोबरा पोस्ट के स्टिंग ऑपरेशन की डाक्युमेंट्री से उनकी प्रतिष्ठा को जो नुकसान होगा उसकी भरपाई मुमकिन नहीं होगी।
अहम बात ये है कि कोबरापोस्ट ने कहा है कि दैनिक भास्कर ग्रुप पर भी ये स्टिंग ऑपरेशन किया गया। कोबरापोस्ट के मुताबिक हाईकोर्ट के आदेश पर अमल किया गया है। उनके मुताबिक दैनिक भास्कर से जुड़ी जांच को फिलहाल रिलीज नहीं किया जा रहा है। कोबरापोस्ट के मुताबिक कोर्ट में उनका पक्ष सुने बिना ही आदेश दे दिया गया और वो इसे चुनौती देगा।
बता दें कि इस स्टिंग में ये मीडिया समूह आम चुनाव नजदीक आने के मद्देनजर इनमें से कई ऐसा कंटेंट प्रकाशित करने के इच्छुक नजर आते हैं। बता दें कि इस स्टिंग ऑपरेशन का नाम ऑपरेशन 136 इसलिए रखा गया, क्योंकि कुछ महीनों पहले आई वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में भारत का स्थान 136वां है। इस खुलासे के पहले भाग, ऑपरेशन 136 में कोबरा पोस्ट के रिपोर्टर पुष्प शर्मा ने खुद को एक धार्मिक कार्यकर्ता आचार्य अटल के तौर पर पेश किया।
रिपोर्टर ने खुद को एक अनाम ‘संगठन’ का प्रतिनिधि बताया, जिसका मकसद मीडिया के सहारे मतदाताओं का ध्रुवीकरण करके 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को मदद पहुंचाना और तोड़ी-मरोड़ी गई पूर्वाग्रह से भरी खबरों के सहारे भाजपा के प्रतिद्वंद्वियों की छवि को खराब करना है। कई मीडिया घरानों ने कैमरे के सामने सांप्रदायिक पूर्वाग्रह वाले पेड न्यूज के ‘आचार्य अटल’ के प्रस्ताव को स्वीकार किया।
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