भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्वोत्तर मामलों के प्रभारी राम माधव ने अपने बारे में कथित तौर पर ‘फर्जी खबर’ प्रकाशित करने वाली एक वेबसाइट के खिलाफ केस दर्ज करवाया है। बीजेपी की नागालैंड इकाई द्वारा नागालैंड के दीमापुर के पूर्वी पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है।
(Saumya Khandelwal/HT File PHOTO)बीबीसी के मुताबिक, एक वेबसाइट ‘द न्यूज़ ज्वाइंट’ ने एक लेख में 10 फरवरी को दीमापुर आए राम माधव के बारे में आपत्तिजनक दावे किए थे। हालांकि राम माधव की ओर से कानूनी कार्रवाई किए जाने के बाद ये वेबसाइट ही बंद हो गई है। यही नहीं वेबसाइट का फेसबुक पेज भी गायब हो गया है।
Shameful act of a fake news portal newsjoint to mallign the image of Shri @rammadhavbjp is extremely condemnable. We are taking strict measures to get the culprits punished & a FIR has been lodged at Kohima. We are also filing a complaint with cybercell in Delhi. pic.twitter.com/BF1tjIyZio
— Priyang Pandey (@priyangpandey) February 11, 2018
रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी ने इस बारे में दीमापुर के अलावा कोहिमा और दिल्ली में भी मामले दर्ज करवाने की बात कही है। वहीं, असम के मंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने एक ट्वीट कर कहा है कि, “हमने ये झूठ बोलने वालों को अपने दावे साबित करने की चुनौती दी है। इसी बीच हम साइबर अपराध विभाग भी जा रहे हैं। जिन लोगों ने ये अफवाह फैलाई है हम उन सब पर मुकदमे करेंगे।”
Shocked at utter & shameless falsehood being spread about @rammadhavbjp ji. We challenge those behind this blatant lie to prove the claims. Meanwhile, we are moving to the cyber crime department to investigate this. We shall also sue all those involved in spreading rumours!
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) February 11, 2018
बीबीसी के मुताबिक अपनी शिकायत में बीजेपी ने कहा है कि, “कथित समाचार पूर्ण रूप से फर्जी है और ये हमारे राष्ट्रीय महासचिव श्री राम माधव का चरित्र हनन करके 27 फरवरी को होने वाले चुनावों के लिए हमारे कामयाब चुनावी प्रयासों को चोट पहुंचाने के लिए लिखी गई है।”
बीजेपी ने अपनी शिकायत में कहा है कि, “राम माधव 10 फरवरी को सिर्फ तीन घंटों के लिए दीमापुर आए थे और यहां पार्टी नेताओं की बैठक करके लौट गए थे। जैसा दावा किया जा रहा है ऐसी कोई घटना नहीं हुई है।” रिपोर्ट के मुताबिक, कथित खबर में नागा संगठन एनएसीएन के पास राम माधव का एक वीडियो होने का दावा किया गया था और कहा गया था कि एनएससीएन बीजेपी पर 27 फरवरी को होने वाले चुनाव रद्द करने का दबाव बना रही है।