राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार (12 फरवरी) को कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो देश के लिये लड़ने की खातिर आरएसएस के पास तीन दिन के भीतर ‘सेना’ तैयार करने की क्षमता है। छह दिवसीय मुजफ्फरपुर यात्रा के अंतिम दिन सुबह जिला स्कूल मैदान में आरएसएस के स्वयं सेवकों को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि सेना को सैन्यकर्मियों को तैयार करने में छह-सात महीने लग जाएंगे, लेकिन संघ के स्वयंसेवकों को लेकर यह तीन दिन में तैयार हो जाएगी।
फाइल फोटो- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवतसमाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक उन्होंने कहा कि यह हमारी क्षमता है पर हम सैन्य संगठन नहीं, पारिवारिक संगठन हैं लेकिन संघ में मिलिट्री जैसा अनुशासन है। अगर कभी देश को जरूरत हो और संविधान इजाजत दे तो स्वयंसेवक मोर्चा संभाल लेंगे। संघ प्रमुख ने कहा कि आरएसएस के स्वयंसेवक मातृभूमि की रक्षा के लिए हंसते-हंसते बलिदान देने को तैयार रहते हैं।
भागवत ने कहा कि देश की विपदा में स्वयंसेवक हर वक्त मौजूद रहते हैं। उन्होंने भारत-चीन के युद्ध की चर्चा करते हुए कहा कि जब चीन ने हमला किया था तो उस समय संघ के स्वयंसेवक सीमा पर मिलिट्री फोर्स के आने तक डटे रहे।
भागवत ने कहा कि स्वयं सेवकों ने तय किया कि अगर चीनी सेना आई तो बिना प्रतिकार के उन्हें अंदर प्रवेश करने नहीं देंगे।
उन्होंने कहा कि स्वयंसेवकों को जब जो जिम्मेदारी मिलती है, उसे बखूबी निभाते हैं। वहीं राजद के प्रदेश प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने भागवत के बयान को सेना का अपमान और उसका मनोबल को तोड़ने वाला बताते हुए उनसे माफी मांगने को कहा है।