सोशल मीडिया पर एक खबर तेजी से वायरल हो रही है जिसमे दावा किया जा रहा है कि जाने माने पत्रकार प्रवीण स्वामी ने कथित तौर पर अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस को छोड़ दिया है। हालांकि स्वामी ने आधिकारिक तौर पर इस बात की पुष्टि नहीं की है। लेकिन ट्विटर पर कई वरिष्ठ पत्रकारों द्वारा दावा किया किया जा रहा है कि पाकिस्तानी जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव पर लिखे लेख के कारण प्रवीण स्वामी को कथित तौर पर इंडियन एक्सप्रेस से अपनी नौकरी गंवानी पड़ी है।दरअसल, सोशल मीडिया पर भारतीय और पाकिस्तानी पत्रकारों द्वारा दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तान में मौत की सजा पाए भारत के पूर्व नौसेनाधिकारी कुलभूषण जाधव पर प्रवीण स्वामी ने भारतीय अंग्रेजी मैगजीन फ्रंटलाइन में एक लेख लिखा है, जिस वजह से उन्हें इंडियन एक्सप्रेस छोड़ना पड़ा है।
This brilliantly researched story on #KulbhushanJadhav has cost @praveenswami his job at Indian Express – the newspaper that refused to publish it.
The Frontline magazine thought otherwise. Here it is:https://t.co/L8X4oUH1uI
— Marvi Sirmed (@marvisirmed) February 1, 2018
मशहूर भारतीय पत्रकार सागरिका घोष ने ट्विटर पर पूछा है, क्या प्रवीण स्वामी को इंडियन एक्सप्रेस से बर्खास्त कर दिया गया है? क्या है सच है? इसके जवाब में स्वामी ने बर्खास्त होने की खबर से इनकार करते हुए सागरिका से कहा कि अगर आपको सच जानना ही था तो आप फोन कर पूछ सकती थीं।
Um, no—and you could have called if you wanted to know 🙂 https://t.co/Rs7olkIM0U
— Praveen Swami (@praveenswami) February 6, 2018
दरअसल, बीबीसी के मुताबिक पाकिस्तान से छपने वाले सभी प्रमुख अखबारों में इस हफ्ते पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव से जुड़ी खबरें छाई रहीं। पत्रकार प्रवीण स्वामी ने फ्रंटलाइन में कुलभूषण जाधव पर एक लेख लिखा है। पाकिस्तान के सारे अखबारों ने इस लेख का हवाला देकर खबरें छापी हैं। कई अखबारों ने पूरे लेख को फ्रंटलाइन के साभार के साथ उर्दू में अनुवाद कर छाप दिया है।
बीबीसी के मुताबिक, पाकिस्तानी अखबारों का दावा है कि कुलभूषण जाधव पर लिखे इस लेख के कारण स्वामी को इंडियन एक्सप्रेस की अपनी नौकरी भी गंवानी पड़ी है। हालांकि अभी तक इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है। ‘जनता का रिपोर्टर’ से बातचीत में प्रवीण स्वामी इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है। जैसे ही उनकी प्रतिक्रिया आएगी हम अपडेट करेंगे।
उल्लेखनीय है कि जाधव एक सेवानिवृत्त नौसैनिक अधिकारी हैं। वह ईरान के बंदरगाह से व्यापार करते थे। पाकिस्तानियों ने उन्हें ईरान में ही बंधक बनाया और उसका अपहरण करके पाकिस्तान में उनकी गिरफ्तारी दिखाई थी। गौरतलब है कि पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जाधव पर पाकिस्तान में जासूसी करने और आतंकी गतिविधियों में लिप्त होने का आरोप लगाकर पिछले साल उन्हें फांसी की सजा सुना दी है।