उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हिंदू जागरण मंच ने ईसाई स्कूलों को चेतावनी दी है। हिंदू जागरण मंच ने धमकी देते हुए कहा है कि हिंदू बच्चों को क्रिसमस मनाने से दूर रखें। ईसाई बच्चों के लिए अलग से क्रिसमस मनाएं। वहीं इस चेतावनी के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने सख्ती दिखाई है और सभी जिला पुलिस प्रमुखों को ऐसी हरकत करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
(REUTERS / Representative Photo)न्यूज एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक हिंदू जागरण मंच ने अलीगढ़ के विभिन्न स्कूलों को एक पत्र जारी कर क्रिसमस नहीं मनाने की हिदायत देते हुए कहा है कि यदि उनके द्वारा त्योहार मनाया जाता है तो वे गंभीर परिणाम भुगतने के लिए खुद जिम्मेदार होंगे। यह चेतावनी शहर के सभी मिशनरी स्कूलों में भेज दिया गया है, जहां हर साल ईसा मसीह के जन्मदिन के अवसर पर धूमधाम से क्रिसमस का त्योहार मनाया जाता है।
इसकी जानकारी मिलने के बाद के तुरंत बाद स्कूल प्रबंधकों ने इस चेतावनी पर चिंता व्यक्त की और पुलिस से सुरक्षा के प्रबंध के लिए कहा है। भाषा के मुताबिक अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) आनंद कुमार ने बताया कि अलीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक समेत सभी जिला पुलिस प्रमुखों को निर्देश दिए गए हैं कि वे ऐसी धमकी देने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करें।
उन्होंने यह भी कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता एक संवैधानिक अधिकार है और पुलिस प्रशासन इसकी रक्षा के लिये समुचित कदम उठाएगी। बता दें कि पब्लिक स्कूल डेवलपमेंट सोसाइटी तथा पैरेंट्स एसोसिएशन ने मंच के इस फरमान का विरोध करते हुए इसे चिंता का विषय बताया था।
हिंदू जागरण मंच नगर अध्यक्ष सोनू सविता ने रविवार को अलीगढ़ में पत्रकारों से कहा था कि क्रिसमस पश्चिमी सभ्यता को बढ़ावा देने वाला पर्व है। संगठन ने जिले के सभी विद्यालयों खासकर मिशनरी स्कूलों को भेजे गये पत्र में क्रिसमस नहीं मनाने की हिदायत देते हुए चेतावनी दी है कि अगर इसे नहीं माना गया तो परिणाम के लिये संबंधित स्कूल ही जिम्मेदार होगा।
अलीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश पाण्डेय के मुताबिक, जिला प्रशासन किसी को भी स्कूलों में क्रिसमस मनाने से रोकने की इजाजत नहीं देगी। उन्होंने सभी स्कूलों के प्रबन्धन को क्रिसमस पर पूर्ण सुरक्षा उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है। बता दें कि राज्य में बीजेपी की सरकार बनने के बाद लगातार इस तरह की खबरें आती रहती हैं।