कर्नाटक में अलगे साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कथित तौर पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) उनके सहयोगी हिंदू वादी संगठनों द्वारा एक फर्जी खबर के जरिए राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द खराब करने की नाकाम कोशिश सामने आई है। राज्य के होन्नावर में पिछले महीने एक किशोर की रहस्यमयी तरीके से हुई मौत को लेकर मंगलवार (12 दिसंबर) को दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले में हिंसा भड़काने की कोशिश की गई। दरअसल होन्नावर में पिछले महीने 18 वर्षीय पारेश कमलाकर मेस्ता नाम के एक किशोर की रहस्यमयी तरीके से हुई मौत को लेकर हिंदूवादी संगठनों द्वारा फैलाई गई हिंसा मंगलवार को कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले तक फैल गई। इस मामले में बीजेपी ने अपना प्रदर्शन तेज कर दिया है और मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जांच कराने की मांग की है।
भगवा दल ने आश्चर्यजनक रूप से दावा करते हुए कहा कि पारेश मेस्ता आरएसएस कार्यकर्ता था, जिसकी हत्या जिहादी तत्वों ने बर्बरता पूर्वक कर दी। बीजेपी ने तिल का ताड़ बनाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया। पुलिस अभी मृतक युवक का पोस्टमॉर्टम भी नहीं करवा पाई थी कि हिंदूवादी संगठनों द्वारा सब कुछ साबित कर दिया गया।
किसी पुलिस की, मेडिकल की, कोर्ट की, किसी की जरूरत नहीं समझी गई। फैसला हो गया कि हिंदू की हत्या हुई है, तो मुस्लिमों ने की है और अब हिंदुओं का खून खौलना चाहिए। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक विश्व हिन्दू परिषद (वीएचपी) और अन्य हिन्दूवादी संगठनों के लोगों ने प्रदर्शन के दौरान स्थानीय जामा मस्जिद में तोड़फोड़ की और मस्जिद के पीछे दुकानों में आग लगा दी।
दरअसल इस मामले में एक न्यूज वेबसाइट पोस्टकार्ड द्वारा एक फर्जी खबर चलाए जाने के बाद बीजेपी और हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ता उग्र हो गए। पोस्ट कार्ड का यह फर्जी खबर आग में घी डालने का काम किया। बता दें कि पोस्टकार्ड वेबसाइट फर्जी खबरों के लिए प्रसिद्ध हो गया है। इसके न्यूज को बीजेपी और उनके समर्थक हमेशा शेयर करते रहते हैं।इन फर्जी दावों को फैलाने के लिए उडूपी चिकमंगलूर की बीजेपी सांसद शोभा करांडलजे सहित कई उनकी पार्टी के कई नेता सामने आ गए और सांप्रदायिक ताने-बाने के इर्द-गिर्द आरोप लगाने शुरू कर दिए। बीजेपी समर्थकों द्वारा सोशल मीडिया पर उन फर्जी खबरों को खूब शेयर किया गया जिसमें दावा किया गया था कि परेश मेस्ता पर धारदार हथियार से हमला हुआ है। उसका सिर सहित उसके कई अंगों को काट दिया गए हैं, उसे एसिड डालकर जला दिया गया है।
बीजेपी सांसद शोभा करांडलजे ने खुद इस मामले में दो-दो ट्वीट कर कहा कि 21 वर्षीय हिंदू युवक परेश मेस्ता लापता हो गया था। अब उसका शव मिला है। उस पर धारदार हथियारों से हमला किया गया, उसके शरीर के कई पार्ट्स काट दिए गए और फिर एसिड या किसी केमिकल से उसका चेहरा जला दिया गया। मरने के बाद उसे झील में फेंक दिया गया।
Congress support to PFI jihadis even when hindu karyakartas like Paresh Mesta are being hacked & burnt to death has given these goons the audacity to freely function w/o the fear of law and order.This will continue till Cong n @siddaramaiah are at the helm.
— Shobha Karandlaje (@ShobhaBJP) December 10, 2017
इतना ही नहीं फर्जी वेबसाइट की खबर पर विश्वास कर इंडिया टुडे जैसे बड़े चैनल ने भी बीजेपी और उसके समर्थकों की भाषा बोलने लगा। इंडिया टुडे के ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया कि खौलते हुए तेल को उसके चेहरे पर डाला गया, उसे बधिया किया गया और फिर उसका सर काटकर एक तालाब में फेंक दिया गया। क्या 21 वर्षीय परेश मेस्ता की हत्या भारत को हिला सकती है?
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से हुआ फर्जी खबर का खुलासा
हालांकि बीजेपी और हिंदूवादी संगठनों द्वारा फैलाया जा रहा यह झूठ ज्यादे समय तक नहीं चल सका। दरअसल युवक का पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद फर्जी खबरों का भंडाफोड़ हो गया। इस रिपोर्ट में बीजेपी नेताओं के सभी दावों को खारिज कर दिया गया। मेडिकल रिपोर्ट में कहा गया कि जो भी कहा जा रहा है, सब गलत है। रिपोर्ट के मुताबिक परेश के शव के साथ दरिंदगी नहीं हुई है। डॉक्टरों के मुताबिक युवक के शरीर पर किसी तरह के धारदार हथियार से हमला नहीं हुआ है। नीचे रिपोर्ट आप खुद देख लीजिए। मामले की हकीकत जानने के बाद बीजेपी और उसके समर्थकों द्वारा फर्जी खबर फैलाने वालों पर पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया। पुलिस ने इस मामले में 43 साल के एक स्कूल टीचर को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि टीचर व्हाट्सएप के जरिए परेश मेस्ता की हत्या के मामले में गलत सूचनाएं वायरल कर रहा था। हत्या की मूल वजह जानने के लिए विसरा सुरक्षित रखा गया है। उसकी जांच के बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकता है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद सोशल मीडिया यूजर्स बीजेपी नेताओं के दावों पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि जब पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट नहीं आई थी, तो इसे हत्या कैसे कहा जा सकता है। अगले साल राज्य में चुनाव हैं, बीजेपी के पास बताने के लिए कुछ नहीं है, ऐसे में वो हर घटना को सांप्रदायिक रंग देकर इसका फायदा उठाना चाहते हैं।
खुद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने ट्वीट कर ऐसे आरोप लगाए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हताश बीजेपी राजनीतिक लाभ लेने के लिए एक युवा परेश मेस्ता की दुर्भाग्यपूर्ण मौत का इस्तेमाल कर रही है। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के इशारे पर राज्य में माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है।
A desperate @BJP4Karnataka stoops so low as to use the unfortunate death of a youth Paresh Mesta in Honnavar for political gains. BJP leaders are heeding the advice of @AmitShah to create trouble & invite police action. People are getting hurt by their irresponsible acts.
— Siddaramaiah (@siddaramaiah) December 12, 2017
बता दें कि पिछले दिनों कई मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया था कि जब बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पिछले दिनों कर्नाटक के दौरे पर थे तो उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से कथित तौर पर उग्र तरीके से काम करने को कहा था। सोशल मीडिया पर लोगों का कहना है कि सत्ता में आने के लिए बीजेपी कार्यकर्ता अब पार्टी अध्यक्ष के आदेशों का पालन कर रहे हैं। बता दें कि कर्नाटक में अलगे साल चुनाव होने हैं।