अजीत डोभाल के बेटे पर राहुल गांधी ने साधा निशाना, कहा- शाह-जादा की ‘अपार सफलता’ के बाद भाजपा की नई पेशकश- अजित शौर्य गाथा

0

पिछले दिनों भाजपा प्रमुख अमित शाह के बेटे की कम्पनी पर अचानक से करोड़ों रुपये बनाने का आरोप मीडिया की सबसे बड़ी सुर्खी के तौर पर उभरा था, जिसके बाद राजनीतिक हल्कों में सियासत का पारा तेज हो गया था। उसी कड़ी में अब फिर से नये खुलासे सामने आ रहे है। इस बार कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने खुद ट्वीट कर BJP को निशाने पर लिया है।

अमित शाह के बेटे के बाद इस बार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बेटे पर ‘द वायर’ बेवसाइट ने अपनी रिपोर्ट पेश करते हुए कई जानकारियों को सार्वजनिक किया है। ‘द वायर’ ने दावा किया है कि क्या मोदी सरकार के चार मंत्री अजीत डोभाल के बेटे के संस्थान को फायदा पहुंचा रहे है। रिपोर्ट कहती है कि अजीत डोभाल के बेटे शौर्य डोभाल द्वारा संचालित इंडिया फाउंडेशन में कई केंद्रीय मंत्री निदेशक के तौर पर जुड़े हैं और यह संस्थान ऐसे विदेशी और भारतीय कॉरपोरेट की फंडिंग पर निर्भर है, जिनमें से कई सरकार के साथ सौदे भी करते हैं।

जबकि इसी बात को देखते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि शाह-जादा की ‘अपार सफलता’ के बाद भाजपा की नई पेशकश – अजित शौर्य गाथा।

वेबसाइट ने अपनी खबर में दावा किया है कि शौर्य डोवाल की संस्था 2014 से पहले तक केरल में जबरन धर्म परिवर्तन जैसे मुद्दों पर ग्राफिक्स डिजाइन का काम करती थी। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ये संस्था 2009 से काम कर रही है, मगर 2014 के बाद संस्थान की गतिविधियों में अप्रत्याशित तेजी आई और इसने जबरदस्त तरक्की की है। 2014 के बाद संस्थान के ग्राफ में आई वृद्धि को लेकर ही वेबसाइट की खबर में सवाल उठाए गए हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि आज ये संगठन देश का सबसे प्रभावशाली थिंक टैंक है, जो देशी-विदेशी उदोयगपतियों और कार्पोरेट घरानों को ऐसे मंच उपलब्ध कराता है जहां उद्योगपति केंद्रीय मंत्रियों और आला अफसरों से मिलते-जुलते हैं और सरकारी नीतियों की बारीकियों पर चर्चा करते हैं।

इंडिया फाउंडेशन जाहिर तौर पर शौर्य डोवाल और संघ से पार्टी में आए बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव चलाते हैं। लेकिन इसके निदेशक मंडल में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु के अलावा नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा और विदेश राज्यमंत्री एम जे अकबर शामिल हैं।

‘द वायर’ ने दावा किया है कि यह संस्थान एक ट्रस्ट चलाता है, ऐसे में कानूनी तौर पर उसके लिए बैलेंसशीट सार्वजनिक करना जरूरी नहीं है। वहीं ये भी दावा किया गया है कि संस्थान केंद्रीय मंत्रियों के जुड़े होने के बावजूद उसने अपने इनकम सोर्स बताने से इनकार कर दिया है। वेबसाइट ने फाउंडेशन से जुड़े 6 लोगों से इस संबंध में सवाल पूछने पर भी कोई जवाब न मिलने का दावा किया है। हालांकि, ये भी लिखा गया है कि शौर्य डोवाल ने कॉन्फ्रेंस, विज्ञापन और जर्नल से फाउंडेशन को कमाई को होने की बात कही है।

आपको बता दे कि इससे पूर्व  न्यूज वेबसाइट ‘द वायर’ ने एक रिपोर्ट में दावा किया था कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय अमितभाई शाह की स्वामित्व वाली कंपनी का सालाना टर्नओवर नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री और पिता अमित शाह के पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद 16,000 गुना बढ़ गया। वेबसाइट के मुताबिक, यह खुलासा रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) में दाखिल किए गए दस्तावेजों से सामने आई थी।

द वायर ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि कंपनी की बैलेंस शीटों और आरओसी से हासिल की गई वार्षिक रिपोर्टों के मुताबिक, वर्ष 2013 और 2014 के मार्च में समाप्त होने वाले वित्तीय वर्षों में शाह की टेंपल इंटरप्राइज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी कोई खास कारोबार नहीं कर रही थी और इन वर्षों में कंपनी को क्रमशः 6,230 और 1,724 रुपये का घाटा हुआ।

वहीं, 2014-15 में कंपनी ने महज 50,000 रुपये की आमदनी पर 18,728 रुपये का लाभ दिखाया। जबकि 2015-16 में कंपनी का टर्नओवर आसमान में छलांग लगाते हुए बढ़कर 80.5 करोड़ रुपये को छू गया। यह 2014-15 के मुकाबले 16 हजार गुना ज्यादा है।

वेबसाइट का दावा है कि टेंपल इंटरप्राइज के राजस्व में यह हैरान करने वाली बढ़ोत्तरी एक ऐसे समय में हुई जब कंपनी को राज्यसभा सांसद और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शीर्ष एक्जीक्यूटिव परिमल नाथवानी के समधी राजेश खंडवाला के स्वामित्व वाली एक वित्तीय सेवा कंपनी से 15.78 करोड़ रुपये का असुरक्षित कर्ज मिला था।

 

 

 

Previous articleIndia Today’s video on saree wearing women in lavatory, lecherous men at workplace evoke condemnation
Next articleमल्लिका दुआ विवाद: ट्विंकल खन्ना का यू-टर्न, बोलीं ‘Sorry, मैं Emotional हो गई थी