केन्द्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मेट्रो के किराये में प्रस्तावित इजाफे को कानून सम्मत बताते हुए कहा है कि अगर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल किराया बढ़ोतरी को रोकना चाहते हैं तो दिल्ली सरकार को मेट्रो परिचालन में हर साल होने वाले 3000 करोड़ रुपये की भरपाई करनी होगी।
न्यूज़ एजेंसी भाषा की ख़बर के मुताबिक, हरदीप सिंह पुरी ने केजरीवाल को लिखे पत्र में कहा है कि दिल्ली मेट्रो अधिनियम प्रस्तावित किराया बढ़ोतरी को रोकने की इजाजत नहीं देता है। उन्होंने कहा कि फिर भी यदि केजरीवाल किराया वृद्धि को रोकना चाहते हैं तो नई किराया निर्धारण समिति का गठन किया जा सकता है, बशर्ते दिल्ली सरकार दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन डीएमआरसी को मेट्रो परिचालन में हर साल होने वाले 3000 करोड़ रुपये की क्षति की भरपाई कर दे।
मौजूदा किराया निर्धारण समिति द्वारा किराये में प्रस्तावित बढ़ोतरी को आगामी 10 अक्टूबर से लागू करने के डीएमआरसी के फैसले का दिल्ली सरकार लगातार विरोध कर रही है। इस बाबत मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पुरी को हाल ही में पत्र लिख कर छह महीने में दो बार किराया बढ़ोतरी को जनता के साथ अन्यायपूर्ण और गैरकानूनी बताते हुए इसे रोकने की मांग की थी।
भाषा की ख़बर के मुताबिक, मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि पुरी ने केजरीवाल के सुझाावों पर विस्तार से विचार विमर्श कर उन्हें मौजूदा परिस्थतियों में किराये बढ़ोतरी को रोकना नामुमकिन बताते हुए उनकी मांग को स्वीकार करने के एवज में किये जा सकने वाले उपाय भी सुझाये हैं।
पुरी ने कहा कि मेट्रो रेल परिचालन एवं रखरखाव अधिनियम 2002 के तहत गठित समिति की सिफारिशें मेट्रो प्रबंधन पर बाध्यकारी होती हैं। इतना ही नहीं इस कानून के तहत केन्द्र अथवा राज्य सरकार और डीएमआरसी के निदेशक मंडल के पास भी समिति की सिफारिशों में बदलाव करने का कानूनी अधिकार नहीं है।
पुरी ने दो बार किराया बढ़ोतरी में कम से कम एक साल का अंतर होने और सालाना सात प्रतिशत किराया बढ़ोतरी की अधिकतम सीमा की केजरीवाल की दलील को भी गलत बताया है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि इस साल मार्च में की गई किराये में बढ़ोतरी साढ़े सात साल के अंतराल के बाद की गई थी। यह बढ़ोतरी दो हिस्सों में लागू की गई, पहला हिस्सा मार्च में लागू किया गया और दूसरा हिस्सा 10 अक्टूबर से लागू किया जाना प्रस्तावित है। इसलिए इसे एक ही साल में दो बार की गई बढ़ोतरी नहीं कहा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि सालाना किराया बढ़ोतरी की सात प्रतिशत की सीमा तय करने का नियम भी साल 2019 से लागू किया जायेगा। इस आधार पर किराया बढ़ोतरी की सीमा के उल्लंघन का केजरीवाल का आरोप भी गलत है। पत्र में पुरी ने साल 2002 से अब तक की गई किराये में बढ़ोतरी और मेट्रो परिचालन के खर्च का भी ब्योरा दिया है।
ख़बरों के मुताबिक, 10 अक्टूबर को अगर दिल्ली मेट्रो के किराये में बढ़ोतरी होती है तो इसका अधिकतम किराया 60 रुपए तक हो जाएगा है।
Centre informs setting up a fresh Fare Fixation Committee could be considered if Delhi govt agrees to give over Rs3,000cr every year to DMRC
— ANI (@ANI) October 7, 2017