भारत भले ही हेल्थ टूरिज्म का सेंटर बनता जा रहा हो और स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर पूरी दुनिया में चर्चा हो रही हो। लेकिन सच यही है कि हमारे यहां स्वास्थ्य सेवाओं की भारी कमीं है। भारत के अलग-अगल राज्यों से हर रोज कोई न कोई ऐसी तस्वीर सामने आ ही जाती है, जिसे देखकर हमें शर्मसार होना पड़ता है।
फोटो- news18 के वीडियो से स्क्रीन शॉट के द्वारा लिया गया हैएक बार फिर यूपी के बरेली में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही उजागर हुई है। जहां सरकारी एम्बुलेंस समय पर नहीं मिलने पर एक प्रसूता ने ई-रिक्शा में ही बच्चे को जन्म दे दिया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मामला बहेड़ी थानाक्षेत्र के शकरस गांव का है। स्थानीय निवासी नेमचंद की गर्भवती पत्नी प्रेमवती को बीते शनिवार की रात प्रसव पीड़ा हुई, नेमचंद ने तुरंत ही 102 एम्बुलेंस सेवा को फोन किया।
आरोप है कि फोन करने पर नेमचंद को एम्बुलेंस के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा। ख़बरों के मुताबिक, नेमचंद ने एम्बुलेंस न आने पर 102 पर दोबारा फोन किया, लेकिन इस बार उनसे एम्बुलेंस उपलब्ध न होने के कारण निजी वाहन से प्रसूता को अस्पताल लाने को कहा गया।
जिसके बाद नेमचंद ने गांव में ही मौजूद ई रिक्शा की मदद से अपनी पत्नी को अस्पताल ले जाने की कोशिश की लेकिन तब तक शायद बहुत देर हो चुकी थी जिस कारण महिला को रास्ते में ही डिलीवरी हो गई। प्रसव के बाद पीड़िता को सीएचसी बहेड़ी लाया गया, जहां जच्चा और बच्चा को प्राथमिक उपचार दिया गया।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कहा जा रहा है कि बहेड़ी सीएचसी की 102 और 108 एम्बुलेंस डीजल की कमी के चलते सेवाओं को उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। फिलहाल इस मामले की जांच के लिए जिलाधिकारी ने आदेश कर दिए है और रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की बात कही है।
इससे पहले भी बीजेपी शासित राज्य से आ चुके है ऐसे मामले
बता दें कि, इससे पहले भी बीजेपी शासित राज्य में ऐसे कई मामले सामने आ चुके है। हाल ही में मध्य प्रदेश के कटनी जिले में सरकारी एंबुलेंस नहीं मिलने की वजह से एक महिला को सड़क पर ही बच्चे को जन्म देना पड़ा था। सड़क पर गिरने की वजह से मासूम नवजात की मौके पर ही मौत हो गई।
इससे पहले राजस्थान के जयपुर सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही के कारण एक खानाबदोश महिला को शुक्रवार(28 जुलाई) की रात को सड़क पर लेटकर बच्चे को जन्म देना पड़ा।