उत्तर प्रदेश में जब से योगी की सरकार बनी है तभी से प्रदेश की हातल को काबू में करने के लिए योगी सरकार ने प्रशासनिक अधिकारियों की फेरबदल का सिलसिला चलाया। लेकिन इस फेरबदल में एक चौकाने वाला मामला सामने आया है। सरकार ने हाल में एक पीसीएस ऑफिसर को उनकी मृत्यु के बाद ट्रांसफर और प्रमोशन लेटर भेजा है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यह मामला तब सामने आया जब अपॉइंटमेंट डिपार्टमेंट के जॉइंट सेक्रटरी अनिल कुमार सिंह ने 28 मई को वाराणसी के जिलाधिकारी को एक पत्र भेजा और निर्देश दिए कि वह अडिशनल सब-डिविज़नल मैजिस्ट्रेट गिरीश कुमार को रिलीव करें। पत्र में लिखा गया था कि गिरीश को बुलंदशहर का सिटी मैजिस्ट्रेट बनाया जा रहा है।
ADM फाइनैंस (वाराणसी) ईश्वर चंद ने कहा कि जब हमें यह पत्र मिला तो लगा कि शयद कम्यूनिकेशन गैप की वजह से अपॉइनमेंट डिपार्टमेंट को गिरीश की मौत के बारे में जानकारी नहीं होगी। बता दें कि, झारखण्ड के रहने वाले गिरीश कुमार वाराणसी में एसडीएम के पद पर तैनात थे और पिछले साल नवंबर में उनकी गंभीर बिमारी की वजह से निधन हो गया था।
photo- hindi.news18गिरीश की मौत के बाद उनके बेटे राहुल को वाराणसी जिला मुख्यालय पर रिकॉर्ड रूम में नौकरी भी दे दी गई। ख़बरों के अनुसार, इस मामले के सामने के बाद राज्य सरकार ने गड़बड़ी का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दे दिए हैं और नियुक्ति विभाग के प्रमुख सचिव कामरान रिज़वी को इसका जिम्मा सौंपा है। गौरतलब है कि योगी आदित्यनाथ सत्ता में आते ही राज्य में आईपीएस और पीसीएस अफसरों का तबादला तेजी से कर रही है।