योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करने के तीसने दिन ही 22 मार्च को राज्य सरकार ने सभी डिवीजनल आयुक्तों, जिला मजिस्ट्रेट्स, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और नगर निगमों को बूचड़खानों का निरीक्षण करने का आदेश दिया था। यूपी में योगी सरकार अवैध बूचड़खानों को लेकर सख्त हो गई है। सरकार के इस फैसले से मीट कारोबारियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
फाइल फोटोउत्तर प्रदेश में राज्य सरकार ने अपनी कार्रवाई शुरू करने के कुछ दिनों के बाद ही, गैरकानूनी और मैकेनाइज्ड बूचड़खानों पर अवैध पशु कटान के चलते और नियमों का पालन न करने के कारण अस्थायी रूप से बंद कर दिए है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मीट की दुकानों के लाइसेंसों का नवीनीकरण न किए जाने और विचाराधीन रहने के दौरान बिना किसी आदेश के दुकानें खुली रहने पर राज्य सरकार और नगर निगम से जवाब-तलब किया है।
Lucknow bench of Allahabad HC seeks reply frm state govt&Lucknow Nagar Nigam on closure of meat shops&non-renewal of license of meat shops. pic.twitter.com/gXiZhyYU5z
— ANI UP (@ANINewsUP) March 28, 2017
कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि उक्त प्रकरण में उसका रुख क्या है? साथ ही नगर निगम को 3 दिन में बताने को कहा है कि मीट दुकानों के लाइसेंसों का नवीनीकरण क्यों नहीं किया जा रहा है। कोर्ट ने नगर निगम से यह भी पूछा कि बिना किसी प्रशासनिक या कार्यकारी आदेश के मीट की दुकानों को किस नियम के तहत बंद कराया जा रहा है। कोर्ट ने राज्य सरकार और नगर निगम को 3 अप्रैल तक अपना जवाब पेश करने का आदेश दिया है।
HC has sought a reply from state govt & Lucknow Nagar Nigam on the matter till 3 April.
— ANI UP (@ANINewsUP) March 28, 2017
यह आदेश जस्टिस एपी साही और जस्टिस संजय हरकौली की बेंच ने शहाबुद्दीन सहित 9 अन्य दुकानदारों की ओर से साल 2015 में दायर एक विचाराधीन याचिका पर पारित किया। याचिका में एक अर्जी देकर नगर निगम पर आरोप लगाया गया कि दुकानदारों को पूर्व में लाइसेंस जारी था। जिसकी समयावधि 2015 में समाप्त हो गई थी।
जिसके बाद याची दुकानदारों ने लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए अर्जी दी थी, जिस पर नगर निगम ने अभी तक निर्णय नहीं लिया है। इस बीच दुकानें जबरन बंद कराई जा रही हैं, इसके लिए कोई आदेश भी सक्षम अधिकारियों की ओर से नहीं पारित किया गया है।