कर्नाटक के ग्रामीण विकास मंत्री केएस ईश्वरप्पा द्वारा मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा की कार्यशैली के खिलाफ राज्यपाल को पत्र लिखने को अस्वीकार्य बताते हुए भाजपा महासचिव अरुण सिंह ने गुरुवार को कहा कि वह उचित मंच नहीं था। बता दें कि, प्रदेश के ग्रामीण विकास मंत्री ईश्वरप्पा ने बुधवार को राज्यपाल से उनकी शिकायत करते हुए उनके विभाग के मामलों में सीधे दखल का आरोप लगाया था।

समाचार एजेंसी पीटीआई (भाषा) की रिपोर्ट के मुताबिक, कर्नाटक के प्रभारी सिंह ने संवाददाताओं को बताया, “अगर एक मंत्री को कोई समस्या है तो उन्हें मुख्यमंत्री से बात करनी चाहिए। राज्यपाल को पत्र लिखना सही रास्ता नहीं है।” इस मुद्दे पर पार्टी की योजना के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि उसका ध्यान अभी एक लोकसभा और दो विधानसभा सीटों पर होने वाले उप-चुनावों पर केंद्रित है। उन्होंने कहा, “हम भारी अंतर से तीनों सीटें जीतेंगे।”
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा से असंतुष्ट पार्टी नेता समय-समय पर उन्हें निशाना बनाते रहे हैं। शिवमोगा से आने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता ईश्वरप्पा ने राज्यपाल वजुभाई वाला से मुलाकात कर उन्हें पांच पन्नों वाला एक पत्र सौंपा था जिसमें मुख्यमंत्री द्वारा की गई “गंभीर चूकों और उनके प्रशासन को चलाने के निरंकुश तरीकों” का जिक्र है।
केएस ईश्वरप्पा ने राज्यपाल वजुभाई वाला को सीएम बीएस येदियुरप्पा की ओर से हस्तक्षेप करने और सत्तावादी प्रशासन का आरोप लगाते हुए शिकायत की है। इसके साथ ही उन्होंने पत्र की एक कॉपी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भी भेजी है।
राज्यपाल और भाजपा को दिए शिकायती पत्र में केएस ईश्वरप्पा ने कर्नाटक (व्यापार का लेन-देन) नियम 1977 का उल्लंघन करते हुए अपने विभाग में सीधे हस्तक्षेप का आरोप लगाया है। ख़बरों के मुताबिक, मंत्री ईश्वरप्पा ने सीएम येदियुरप्पा पर उनकी मंजूरी लिए बगैर उनके विभाग के लिए 774 करोड़ रुपये की राशि आवंटित करने का भी आरोप लगाया है।
कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ नाराजगी तब से ज्यादा देखने को मिल रही है, जब से भाजपा हाईकमान ने उत्तराखंड में मुख्यमंत्री को बदला गया है। तभी से माना जा रहा है कि कर्नाटक में येदियुरप्पा के खिलाफ देखने को मिल रही नाराजगी के चलते इस राज्य में भी सीएम को बदला जा सकता है।