मोदी सरकार की किसान विरोधी नीतियों और आर्थिक फैसलों का खुलकर विरोध करने वाले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा कि उनका बीजेपी छोड़ने का कोई इरादा नहीं है, पार्टी अगर चाहे तो उन्हें बाहर फेंक सकती है।
फाइल फोटो- यशवंत सिन्हान्यूज़ एजेंसी भाषा के हवाले से न्यूज़ 18 हिंदी में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, सिन्हा ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने की कोशिश कर रहे हैं और उन्हें कई खत भी भेजे लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं आई, जिसके बाद उन्होंने राष्ट्र मंच नाम का एक संगठन बनाया।
उन्होंने कहा कि मंच के समक्ष जो काम हैं उनमें से एक यह सुनिश्चित करना भी है कि राजग सरकार की नीतियां बीजेपी के चुनावी घोषणापत्र के अनुरूप हों।
आम बजट 2018-19 पर आयोजित एक संगोष्ठी से इतर उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि, ‘मैं भाजपा क्यों छोड़ूं? मैंने 2004 से 2014 तक कड़ी मेहनत की थी जब संप्रग सत्ता में थी, पार्टी अगर चाहती है तो उसे मुझे बाहर फेंकने दीजिए।’
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वित्त मंत्री रहे सिन्हा ने कहा कि मौजूदा राजग सरकार की नीतियां चुनावी घोषणा पत्र में किये गये वादों के अनुरूप नहीं हैं। सिन्हा ने कहा कि, ‘मेरा विरोध उन्हें बीजेपी के चुनावी घोषणापत्र की लाइन पर वापस लाने के लिये है। मैं पिछले चार साल से इस लक्ष्य के लिए सक्रिय हूं और यह राष्ट्र मंच के गठन के तौर पर सामने आया।’
बता दें कि, इससे पहले यशवंत सिन्हा ने जबलपुर में संवाददाताओं से कहा था कि, आज जो बीजेपी है वह अटल जी एवं आडवाणी जी की बीजेपी नहीं है। उन्होंने कहा, अटलजी एवं आडवाणी जी के काम करने का जो तरीका था, जो शैली थी, वह बिलकुल भिन्न थी।