फिल्म ‘पद्मावत’ के निर्देशक और मशहूर फिल्मकार संजय लीला भंसाली को बड़ी राहत देते हुए राजस्थान हाई कोर्ट ने बुधवार (7 फरवरी) को उनके और फिल्म के दो कलाकारों दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह के खिलाफ एफआईआर निरस्त कर दी। बता दें कि भंसाली को अपनी पीरियड फिल्म ‘पद्मावत’ को लेकर राजपूत समुदाय से विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक, न्यायमूर्ति संदीप मेहता ने तीनों के खिलाफ प्राथमिकी को निरस्त करने का आदेश देते हुए कहा कि फिल्म में राजपूत महारानी पद्मिनी के गौरव को चित्रित किया गया है और इसमें ऐसा कुछ भी नहीं है जिसे ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़ना-मरोड़ना कहा जा सकता है और जो एक खास समुदाय की भावनाओं को आहत करे।
शिकायत में फिल्म पर ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़ने-मरोड़ने और एक खास समुदाय की भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया गया था। बता दें, फिल्म के निर्माण के दौरान गत वर्ष फरवरी में डीडवाना में वीरेन्द्र सिंह व एक अन्य की ओर से भंसाली तथा रणबीर सिंह एवं दीपिका पादुकोण के खिलाफ इतिहास को तोड़ मरोड़ कर पेश करने तथा धार्मिक भावनाओं को भड़काने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करवाई गई थी।
इस एफआईआर को रद्द करवाने के लिए भंसाली ने एक याचिका हाई कोर्ट में दी थी। न्यायमूर्ति संदीप मेहता ने एक याचिका पर सुनवाई के दौरान एफआईआर को रद्द करते हुए कहा कि फिल्म में आपत्तिजनक कुछ भी नहीं है। राजस्थान में फिल्म के प्रदर्शन के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए फिल्म दिखाई जानी चाहिए और इस दौरान पर्याप्त सुरक्षा दी जानी चाहिए।
हालांकि याचिका की प्रारंभिक सुनवाई में ही कोर्ट ने एफआईआर के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी, लेकिन आगे इसकी सुनवाई पर कोर्ट ने भंसाली के अधिवक्ताओं से फिल्म की स्क्रीनिंग कराने के निदेर्श दिए थे। इसके बाद सोमवार शाम न्यायाधीश संदीप मेहता ने फिल्म देखी और आज इस मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश मेहता ने अपना निर्णय सुनाया।
बता दें कि सोमवार (5 फरवरी) को कोर्ट के आदेश के बाद फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग की गई थी। जोधपुर में हुई इस स्क्रीनिंग के बाद बुधवार को सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा ‘पद्मावत’ धार्मिक नहीं बल्कि ऐतिहासिक चरित्र है। गौरतलब है कि ‘पद्मावत’ बॉक्स ऑफिस पर 25 जनवरी को रिलीज हुई थी और अब तक 200 करोड़ रूपये से अधिक का बिजनेस कर चुकी है।