भारतीय सेना की कार्रवाई से बौखलाए आतंकियों ने कश्मीर घाटी में मंगलवार(13 जून) को 24 घंटे के अंदर ताबड़तोड़ छह जगहों पर हमले किए। इस हमले में 13 जवान घायल बताए जा रहे हैं। इन हमलों की जिम्मेदारी अल उमर मुजाहिदीन और जैश ए मोहम्मद ने ली है।
पहला हमला पुलवामा के त्राल इलाके में स्थित सीआरपीएफ की 180वीं बटालियन के शिविर पर किया। ग्रेनेड से हुए इस हमले में 10 जवान घायल हो गए। जबकि, दूसरा हमला अनंतनाग जिले के अंचीडोरा में हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज मुजफ्फर हुसैन अत्तार के घर हुआ। यहां गोलीबारी में दो पुलिसकर्मी घायल हो गए।
वहीं, आतंकियों ने तीसरा हमला पुलवामा के पडगमपोरा में सीआरपीएफ के शिविर पर किया। जबकि, चौथा हमला पुलवामा के पुलिस स्टेशन पर किया गया। इस हमले में एक पुलिसकर्मी जख्मी हुआ है। इसके अलावा पांचवां हमला अनंतनाग के सरनाल इलाके में सीआरपीएफ कैंप पर हमला किया गया। छठा हमला आतंकियों ने बारामुला में सेना के शिविर पर किया।
सुरक्षाबलों की मानें तो इन हमलों के पीछे आतंकियों का मकसद अपनी मौजूदगी दर्ज कराना था। पुलिस महानिदेशक एस पी वैद ने बताया कि कि इस बात की खुफिया जानकारी थी कि आतंकवादी 17वें रमजान और जंग-ए-बदर (इस्लामी इतिहास की पहली जंग) की वर्षगांठ के मौके पर हमले कर सकते हैं, ऐसे में सभी जरूरी ऐहतियाती कदम उठाए गए थे।
इन हमलों को देखते हुए कश्मीर में सुरक्षाबल हाई अलर्ट पर हैं। खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, आतंकियों के कमांडर ने अपने कैडर को हैंड ग्रेनेड बांटे हैं, ताकि वह सीआरपीएफ, सेना और पुलिस के कैंप पर हमला कर सकें। पुलिस स्टेशन, एसओजी कैंप में और सुरक्षाबल तत्काल प्रभाव से तैनात कर दिए गए हैं।