तमिलनाडु के पल्लापत्ती में रहने वाले 18 वर्षीय छात्र रिफत शरूक ने दुनिया के सबसे छोटे 64 ग्राम वजन वाले सेटेलाइट का अविष्कार किया जिसको नासा ने लॉन्च किया। अपने द्वारा बनाए गए उपग्रह को लॉन्च होने से रिफत शरूक बेहद खुश हैं।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रिफत शरूक ने पूर्व राष्ट्रपति और वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर इस सेटेलाइट का नाम ‘कलामसैट’ रखा है। इस सैटलाइट को एक ‘क्यूब्स इन स्पेस’ नाम के एक कॉम्पिटिशन के माध्यम से चुना गया। जिसका आयोजन ‘नासा’ और ‘आई डूडल लर्निंग’ नाम के एक ऑर्गनाइजेशन ने संयुक्त रूप से किया था।
Chennai: Students who built the world's smallest satellite, rejoice after its launch. The satellite weighing 64 grams was launched by NASA. pic.twitter.com/ak7NP9KzUO
— ANI (@ANI) June 22, 2017
सैटेलाइट के बारे में रिफत का कहना है कि, सैटेलाइट का मुख्य काम थ्रीडी प्रिंटेड कार्बन फाइबर की क्षमता को डेमोनस्ट्रेट करना है। रिफत ने कहा कि उसका सैटेलाइट रेनफोर्स्ड कार्बन फाइबर पॉलीमर से बना हुआ है। रिफत ने कहा कि इस सैटेलाइट के मिशन की समय सीमा 240 मिनट की होगी, यह छोटा सेटेलाइट अंतरिक्ष के सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण वातावरण में 12 मिनट चलेगा।
साथ ही रिफथ ने बताया कि हमने इसके लिए काफी शोध किया और इसके लिए हमने कुछ कंपोनेंट्स विदेश से मंगाए और कुछ अपने देश से ही मिले हैं।
ख़बरों के मुताबिक, पहले ही बताया गया था कि रुफत शरूक के द्वारा दुनिया के सबसे छोटे 64 ग्राम वजन वाले बनाए गए सेटेलाइट को नासा 21 जून को लांच करेगा। रिफत ने दुनिया का सबसे छोटा सेटेलाइट बनाकर अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में बड़ी कामयाबी हासिल की है।