24 घंटे के अंदर महागठबंधन छोड़कर बीजेपी के साथ सरकार बनाने वाले नीतीश कुमार के लिए आगे की राह आसान नहीं नजर आ रही है। नीतीश कुमार एक बार फिर से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के साथ हो गए हैं। वहीं दूसरी ओर नीतीश कुमार द्वारा महागठबंधन तोड़ने के बाद राष्ट्रीय जनता दल(RJD) और लालू प्रसाद यादव द्वारा सीएम नीतीश कुमार पर जमकर आरोप लगाए जा रहे है।
फोटो- ANIआरजेडी ने सोमवार(31 जुलाई) को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए नीतीश पर हत्या का आरोप लगाया है। साथ ही कहा है कि नीतीश कुमार ने बिहार की जनता के साथ धोखा किया है, उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। बता दें कि, आजेडी (RJD) के सीनियर नेता जगदनंद सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए 1991 के सीताराम मर्डर केस का मुद्दा उठाया।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस केस के पीड़ित पक्ष का एक विडियो टेप दिखाकर आरजेडी नेताओं ने कहा कि नीतीश की बड़े अपराधियों से सांठगांठ है और हत्या के आरोपी को सीएम के पद पर रहने का हक नहीं है।
नीतीश कुमार धारा 302 के तहत मर्डर और आम्र्स एक्ट के आरोपी हैं। नीतीश कुमार को अपना मुख्यमंत्री पद छोड़ देना चाहिए, वे जनता के साथ धोखा कर रहे है।
Nitish Kumar is accused in a murder case under section 302 and also Arms Act: Jagdanand Singh, RJD pic.twitter.com/UNwdQJivMV
— ANI (@ANI) July 31, 2017
वहीं दूसरी ओर बिहार में नई सरकार के गठन के बाद पहली बार मीडिया से मुखातिब हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब देते हुए कहा है कि मैंने महागठबंधन धर्म का पालन किया और सरकार चलाने की कोशिश की लेकिन जब पानी सिर के ऊपर बहने लगा तो इस्तीफा दिया।
साथ ही उन्होंने कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुकाबला करने की किसी में क्षमता नहीं है। नीतीश ने दावा किया कि 2019 में भी मोदी ही प्रधानमंत्री बनेंगे। उन्होंने कहा कि 2019 में दिल्ली की कुर्सी पर पीएम मोदी के अलावा कोई और काबिज नहीं हो सकता।
Modi ji ka muqabla karne ki kisi mein chhamta hai nahi: #Bihar CM Nitish Kumar on 2019 Lok Sabha elections pic.twitter.com/xfPXaXUvqm
— ANI (@ANI) July 31, 2017
साथ ही लालू पर हमला बोलते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि, ‘लोग धर्मनिरपेक्षता की आड़ में धन कमाने में लगे हुए थे। इसे मैं कैसे बर्दाश्त कर सकता था। मेरे लिए दो ही रास्ता था या तो भ्रष्टाचार से समझौता करता या फिर मुझे और आलोचना झेलनी पड़ती। मैं किसी आलोचना से परेशान नहीं हूं। उनके लिए धर्मनिरपेक्षता का मतलब इसकी आड़ में चादर ओढ़कर संपत्ति अर्जित करना है।’