बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी नागरिकता संशोधन बिल का समर्थन किया है। इसे लेकर पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राजनीति रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने ट्विटर पर विरोध जताया है। उन्होंने जदयू नेतृत्व को 2015 में मिले वोटों की याद दिलाई है।
बता दें कि, नागरिकता संशोधन बिल 2019 को गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को राज्यसभा में पेश किया। इस बीच, बिहार में एनडीए की सहयोगी जेडीयू (JDU) ने लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी इस बिल को समर्थन देने के बात कही है। इसे लेकर पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने ट्विटर पर विरोध जताया है।
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘इस बिल का समर्थन करने से पहले जेडीयू नेतृत्व को उन लोगों के बारे में सोचना चाहिए था, जिन्होंने 2015 में पार्टी पर भरोसा और विश्वास जताया था।’
While supporting #CAB, the JDU leadership should spare a moment for all those who reposed their faith and trust in it in 2015.
We must not forget that but for the victory of 2015, the party and its managers wouldn’t have been left with much to cut any deal with anyone.
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) December 11, 2019
बता दें कि, इसके पहले भी प्रशांत किशोर ने इस बिल को पार्टी को मिले समर्थन पर निराशा जताई थी। प्रशांत किशोर ने अपने ट्वीट में लिखा था, ‘जदयू के नागरिकता संशोधन विधेयक को समर्थन देने से निराश हुआ। यह विधेयक नागरिकता के अधिकार से धर्म के आधार पर भेदभाव करता है। यह पार्टी के संविधान से मेल नहीं खाता जिसमें धर्मनिरपेक्ष शब्द पहले पन्ने पर तीन बार आता है। पार्टी का नेतृत्व गांधी के सिद्धांतों को मानने वाला है।’
Disappointed to see JDU supporting #CAB that discriminates right of citizenship on the basis of religion.
It's incongruous with the party's constitution that carries the word secular thrice on the very first page and the leadership that is supposedly guided by Gandhian ideals.
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) December 9, 2019
नागरिकता संशोधन बिल को समर्थन देने को लेकर जेडीयू में मतभेद जारी है। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर के बाद जेडीयू प्रवक्ता पवन वर्मा ने भी बिल पर विरोध दर्ज किया था। पवन वर्मा ने ट्वीटर पर बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार से अपील की थी कि वह इस पर समर्थन करने के फैसले पर एक बार फिर से विचार करें।
पवन वर्मा ने अपने ट्वीट में लिखा था, ‘मैं नीतीश कुमार से अपील करता हूं कि राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल (CAB) के समर्थन पर पुनर्विचार करें। यह बिल असंवैधानिक, भेदभावपूर्ण और देश की अखंडता और सौहार्द के खिलाफ है। इसके अलावा इस बिल का समर्थन जेडीयू के सेक्युलर सिद्धांतों के खिलाफ जाना भी है। गांधी जी इस बिल का पूरी तरह विरोध करते।’