बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यू) द्वारा लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक का समर्थन किए जाने पर पार्टी अब एक सुर में नहीं सुनाई दे रहे हैं। बिहार में एनडीए की सहयोगी जेडीयू में बिल के समर्थन को लेकर विरोध के सुर तेज हो गए हैं। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर के बाद अब जेडीयू प्रवक्ता पवन वर्मा ने भी बिल पर विरोध दर्ज किया है। पवन वर्मा ने ट्वीटर पर बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार से अपील की है कि वह इस पर समर्थन करने के फैसले पर एक बार फिर से विचार करें।
जेडीयू प्रवक्ता पवन वर्मा ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘मैं नीतीश कुमार से अपील करता हूं कि राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल (CAB) के समर्थन पर पुनर्विचार करें। यह बिल असंवैधानिक, भेदभावपूर्ण और देश की अखंडता और सौहार्द के खिलाफ है। इसके अलावा इस बिल का समर्थन जेडीयू के सेक्युलर सिद्धांतों के खिलाफ जाना भी है। गांधी जी इस बिल का पूरी तरह विरोध करते।’
I urge Shri Nitish Kumar to reconsider support to the #CAB in the Rajya Sabha. The Bill is unconstitutional, discriminatory, and against the unity and harmony of the country, apart from being against the secular principles of the JDU. Gandhiji would have strongly disapproved it.
— Pavan K. Varma (@PavanK_Varma) December 10, 2019
बता दें कि, इसके पहले नीतीश कुमार के कभी सबसे नजदीक रहे जेडीयू नेता और राजनीति रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भी इस बिल को पार्टी को मिले समर्थन पर निराशा जताई है। प्रशांत किशोर ने अपने ट्वीट में लिखा था, ‘जदयू के नागरिकता संशोधन विधेयक को समर्थन देने से निराश हुआ। यह विधेयक नागरिकता के अधिकार से धर्म के आधार पर भेदभाव करता है। यह पार्टी के संविधान से मेल नहीं खाता जिसमें धर्मनिरपेक्ष शब्द पहले पन्ने पर तीन बार आता है। पार्टी का नेतृत्व गांधी के सिद्धांतों को मानने वाला है।’
Disappointed to see JDU supporting #CAB that discriminates right of citizenship on the basis of religion.
It's incongruous with the party's constitution that carries the word secular thrice on the very first page and the leadership that is supposedly guided by Gandhian ideals.
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) December 9, 2019
बता दें कि, सोमवार को लोकसभा में जेडीयू ने नागरिकता संशोधन बिल का समर्थन किया है। पार्टी के सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा, ‘हम इस बिल का समर्थन करते हैं। इस बिल को अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक के आधार पर नहीं देखना चाहिए। अगर पाकिस्तान में सताए अल्पसंख्यकों को यहां नागरिकता मिलती है तो अच्छी बात है।
Rajiv Ranjan Singh,JDU in Lok Sabha: We support this bill. This bill should not been seen in light of Indian citizens,both majority and minority. If persecuted minorities of Pakistan are given Indian citizenship then I think this is the right thing. #CitizenshipAmendmentBill pic.twitter.com/U4nF6Q2mp7
— ANI (@ANI) December 9, 2019
गौरतलब है कि, सोमवार को संसद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) पेश किया जो लोकसभा से पास हो गया। इस बिल के पक्ष में 311 वोट पड़े, जबकि 80 सांसदों ने इसके खिलाफ मतदान किया। अब इस बिल को राज्यसभा में पेश किया जाएगा। पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए शरणार्थियों को इस बिल में नागरिकता देने का प्रस्ताव है। इस बिल में इन तीनों देशों से आने वाले हिंदू, जैन, सिख, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के शरणार्थियों को नागरिकता का प्रस्ताव है।