आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर फजीहत का सामना करना पड़ा है। दरअसल, पाकिस्तान के शीर्ष राजनयिक को गुरुवार(8 जून) को उस समय वाशिंगटन में लोगों की हंसी का पात्र बनना पड़ा, जब वह बार-बार इस बात पर जोर दे रहे थे कि पाकिस्तान आतंकवादियों के लिए कोई सुरक्षित पनाहगाह नहीं है। जिस वजह से राजनयिक को हंसी का पात्र बनना पड़ा।

दरअसल, एक कार्यक्रम में पाकिस्तान के राजनयिक बार-बार इस बात पर जोर दे रहे थे कि पाकिस्तान में आतंकवादियों के लिए कोई सुरक्षित पनाहगाह नहीं है और कथित तौर पर कराची के अस्पताल में मरने वाला तालिबानी नेता मुल्ला उमर कभी अफगानिस्तान से बाहर ही नहीं गया। यह बात सुनते ही वहां मौजूद श्रोता ठहाके लगाने लगे।
श्रोताओं के हंसने पर अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत ऐजाज अहमद चौधरी के चेहरे पर चिड़चिड़ाहट साफ देखी जा सकती थी। चिढ़ते हुए उन्होंने कहा कि इसमें हंसने वाली क्या बात है? इसके बाद अफगानिस्तान, इराक और संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका के राजदूत के रूप में काम कर चुके पूर्व अमेरिकी राजनयिक जाल्मे खलीलजाद ने कहा कि सच्चाई इससे अलग है।
उन्होंने कहा कि हमारे पास पाकिस्तान में उसकी (मुल्ला उमर) की मौजूदगी के पुख्ता सबूत हैं। हमारे पास सबूत हैं कि वहां वह कहां रहा, कहां गया…अस्पताल आदि। उन्होंने कहा कि लंबे समय तक यह भी कहा जा रहा था कि बिन लादेन कभी अफगानिस्तान से बाहर नहीं गया।
उन्होंने अफगानिस्तान में अमेरिकी रणनीति पर क्षेत्रीय दृष्टिकोणों के मुद्दे पर चर्चा के दौरान कहा कि इस बात के पर्याप्त सबूत है कि कि जब हक्कानी नेटवर्क पर ऑपरेशन चल रहा था, तब उसे सुरक्षित स्थान पर ले जाया जा रहा था। यह चर्चा अटलांटिक काउंसिल के साउथ एशिया सेंटर में हो रही थी।
चर्चा के दौरान पाकिस्तानी राजदूत ऐजाज अकेले पड़ते दिखे, क्योंकि पैनल के दो अन्य सदस्य- भारत के पूर्व मंत्री मनीष तिवारी और शीर्ष अमेरिकी थिंकटैंक विशेषज्ञ एश्ले टेलिस भी खलीलजाद की इस बात से सहमत दिखे कि पाकिस्तान में आज भी आतंकवाद की शरणस्थली है और पाकिस्तानी सत्ता प्रतिष्ठान की ओर से उन्हें सहयोग मिलता है।