जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के एक छात्र ने आरोप लगाया है कि राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पर सीआईएसएफ के कुछ र्किमयों ने उसके साथ मार-पीट करते हुए उससे कहा कि उसे पाकिस्तान भेज देंगे। अर्धसैनिक बल ने इस आरोप का खारिज कर दिया है।
पीटीआई (भाषा) की ख़बर के मुताबिक, विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री की पढ़ाई कर रहे 22 वर्षीय अमन सिन्हा ने फेसबुक पोस्ट पर बताया था कि यह घटना कल शाम हुई। उसने आरोप लगया कि इस घटना में मेट्रो स्टेशन पर तैनात सीआईएसएफ के कर्मी शामिल थे।
दाड़ी रखने वाले सिन्हा का दावा है कि सीआईएसएफ का कर्मी उस समय गुस्सा हो गया जब उसने अपना ईयरफोन कान से हटाने से इंकार कर दिया। यह एक ऐसा सुरक्षा प्रोटोकॉल है, जिसके पालन की आशा यात्रियों से की जाती है। उन्होंने बताया कि इसके बाद दोनों के बीच बहस हुई।
सिन्हा ने लिखा है, ‘‘इसके बाद एक अन्य सीआईएसएफ कर्मी आया और बोला कि तुम राष्ट्र का नाम खराब कर रहे हो ‘पाकिस्तान भेजेंगे तुम मुसल्ले को आज’ (तुम मुस्लिम को आज पाकिस्तान भेजेंगे)।
वो लोग इसके बाद मुझे उस रास्ते से खींचकर सुरक्षा कार्यालय ले गए, जहां न सीसीटीवी कैमरा था और न ही कोई व्यक्ति था।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि कर्मियों ने गाली देते हुए उसके साथ काफी मार-पीट की। सिन्हा ने बताया कि उन्होंने इस घटना को रिकॉर्ड करने की भी कोशिश की थी जिसे बाद में र्किमयों ने डिलीट कर दिया।
संपर्क करने पर सीआईएसएफ ने बताया कि छात्र से उसके व्यवहार के लिए सिर्फ माफीनाम लिखने को कहा गया था और सुरक्षार्किमयों ने उसके साथ मार-पीट नहीं की। सीआईएफएफ के वरिष्ठ कर्मी ने बताया, ‘‘ वह ड्यूटी पर तैनात कांस्टेबल शोएब और पीसी भट्ट के साथ बहस करने लगा था।
उसे सिर्फ ईयरफोन हटाने को कहा गया था जो कि दिल्ली मेट्रो में सामान्य सुरक्षा जांच है। उसने ऐसा करने से इंकार कर दिया था, जिसके बाद उसे मेट्रो नियंत्रण कक्ष में ले जाया गया।’’ सीसीटीवी रिकॉर्ड के आधार पर अधिकारी ने बताया कि यह पूरी घटना 30 मिनट में समाप्त हो गई और छात्र को इसके बाद जाने दे दिया गया था।
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