सीमा पर तनाव, तल्ख रिश्तों और कुलभूषण जाधव की विवादित फांसी की सजा के बीच भारत ने एक सकारात्मक कदम उठाते हुए 11 पाकिस्तानी कैदियों को रिहा कर दिया है। सोमवार(12 जून) को इन कैदियों को वाघा सीमा पर पाकिस्तानी अधिकारियों को सौंपा गया। हालांकि, पाक ने इस कदम का स्वागत करने के बजाय इसे भारत की जिम्मेदारी करार दिया है। बता दें कुलभूषण जाधव मामले में तनातनी के बाद भारत की तरफ से यह पहला बड़ा कदम है।भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव पर जासूसी का आरोप लगाते हुए पाकिस्तानी मिलिट्री कोर्ट ने उनको फांसी की सजा सुनाई, जिसके बाद भारत ने मामले को लेकर अंतरराष्ट्रीय कोर्ट (आइसीजे) का दरवाजा खटखटाया है। पिछले दिनों अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) ने अपने अंतरिम आदेश के जरिए जाधव पर कोई अंतिम आदेश के पहले उसकी फांसी की सजा की तामील पर रोक लगा दी थी।
कुछ मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में शंघाई को-ऑपरेशन संघटन (SCO) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ के साथ अनौपचारिक बातचीत के बाद भारत ने 11 पाकिस्तानी कैदियों को रिहा करने का फैसला किया है। अधिकारियों के मुताबिक भारत ‘सद्भावना’ के तहत ऐसा किया है।
India repatriate 11 Pakistani prisoners via Wagah Border, today pic.twitter.com/D2eiq1TiHK
— ANI (@ANI) June 12, 2017
हालांकि, ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की खबर के मुताबिक, पाकिस्तान का कहना है कि इन सभी कैदियों ने अपनी सजा पूरी कर ली है, इसीलिए भारत उन्हें रिहा किया है। वहीं, भारतीय अधिकारियों ने बताया कि मानवीय आधार पर पाकिस्तानी कैदियों को रिहा किया गया है। सरकार को उम्मीद है कि पाक सरकार भी वहां जेलों में बंद भारतीय कैदियों को भी रिहा करेगी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार की मानें तो पाकिस्तानी जेल में कुल 132 भारतीय कैदी बंद हैं। इनमें से 57 कैदियों ने अपनी सजा पूरी भी कर चुके हैं। बता दें कि इससे पहले भारत ने पिछले हफ्ते ही गलती से पंजाब के अंतरराष्ट्रीय सीमा में घुस आए दो पाक बच्चों को रिहा कर दिया था। वे दोनों अपने चाचा के साथ भारतीय सीमा में घुस आए थे।