‘शराबबंदी’ वाले राज्य बिहार में पुलिस के ‘लोगो’ लगे वाहनों से भारी मात्रा में शराब बरामद, 2 लोग गिरफ्तार

0

बिहार सरकार के लाख कोशिशों के बाद भी राज्य में अवैध रूप से शराब की बिक्री लगातार जारी है, जिसका अंदाजा आप इसी ख़बर से लगा सकते है। बिहार में शराब बरामदगी कोई नई बात नहीं है, प्रतिदिन राज्य के किसी न किसी इलाके में शराब बरामदगी का मामला सामने आता रहता है। इस बीच, मुंगेर के बरियारपुर थाना क्षेत्र में सोमवार को पुलिस ने पुलिस के ‘लोगो’ लगे वाहनों से शराब बरामद करने का मामला सामने आया है। इस मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार भी किया है।

बिहार

समाचार एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस बरियारपुर-सुल्तानगंज राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित महदेवा के समीप वाहन जांच अभियान चला रही थी। इसी दौरान दो वाहनों को रोक कर तलाशी ली गई, जिसमें से बड़ी मात्रा में शराब बरामद की गई है। उन्होंने बताया कि एक वाहन में पुलिस को चकमा देने के लिए पुलिस का लोगो लगा नंबर प्लेट लगाया गया है।

बरियारपुर के थाना प्रभारी अमरेंद्र कुमार ने बताया कि दोनों वाहनों से अलग-अलग कंपनियों की 248 लीटर शराब बरामद की गई है। दोनों वाहनों को भी जब्त कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि वाहन चला रहे जमुई जिले के झाझा थाना क्षेत्र के दिघरा गांव के पिंटू कुमार तथा नया रामनगर थाना क्षेत्र स्थित पाटम के राजा यादव को गिरफ्तार किया गया, जबकि दो लोग पुलिस को चकमा देकर फरार हो गए।

हिन्दुस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक, कार को पुलिस कब्जे में लेकर सघन तलाशी ली गई तो कार की डिक्की में बने तहखाने में रखी 180. 375 लीटर विदेशी शराब बरामद हुई। इसमें 375 एमएल का 137 बोतल एवं 750 एमएल का 172 वोतल विदेशी शराब है। छापेमारी टीम में सअनि संजय कुमार चौबे, परिविक्ष्यमान पुअनि सुधा कुमारी एवं सशस्त्र पुलिस बल शामिल थे।

आशंका जताई जा रही है कि पंचायत चुनाव में शराब खपाने के लिए लाया जा रहा था। उल्लेखनीय है कि, बिहार में पंचायत चुनाव को लेकर पुलिस अलर्ट पर है। पंचायत चुनाव में प्रत्याशियों की ओर से शराब और खाने-पीने की पार्टियों का दौर तेज होता जा रहा है। पुलिस भी ऐसे लोगों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज रही है।

गौरतलब है कि, बिहार सरकार में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी ने रविवार को कहा था कि राज्य में शराबबंदी कानून के बाद शराब की बिक्री बढ़ी है। बिहार में शराबबंदी लागू हुए कई साल हो चुके हैं। सूबे में एक अप्रैल, 2016 को शराबबंदी के पहले चरण की शुरुआत हुई थी। इसके पांचवें दिन ही यानी 5 अप्रैल को अचानक सूबे में पूर्ण शराबबंदी की घोषणा कर दी गई थी। शराबबंदी के सख्त कानून ने राज्य के दसियों हजार से ज्यादा लोगों को जेल में डाल रखा है।
Previous articleउत्तर प्रदेश: मानसिक रूप से विक्षिप्त महिला से 8 लोगों ने किया सामूहिक दुष्कर्म, चार आरोपी गिरफ्तार
Next articleFans pray for Inzamam-ul-Haq’s health after former Pakistan skipper suffers heart attack