बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय इन दिनों अपने नए अवतार को लेकर सुर्खियों में छाए हुए हैं। उनकी कुछ तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें वह कथावाचक के अवतार में नजर आ रहे हैं। अधिकारी से नेता बनने के बाद अब उन्होंने धर्म-अध्यात्म की दुनिया में प्रवेश कर लिया है और कथावाचक बन गए हैं। 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी पांडेय गुरुवार को एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर “श्रीमद्भागवत गीता” पर आधारित भगवान कृष्ण की कहानी बताने के लिए एक लाइव शो में दिखाई दिए।
सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल वीडियो के एक पोस्टर में कथावाचक के तौर पर पूर्व डीजीपी की तस्वीर लगी है और लोगों को जूम ऐप के जरिए कथा वाचन से जुड़ने का आमंत्रण दिया गया है। तस्वीर में पांडेय गेरुआ वस्त्र पहनकर भक्ति में लीन दिखाई दे रहे हैं और श्रीमद्भागवत कथा सुना रहे हैं। वायरल बैनर में जहां एक तरफ राधा कृष्ण की तस्वीर लगाई गई है, वहीं दूसरी तरफ गुप्तेश्वर पांडेय की तस्वीर लगी है।कथा सुनने के लिए जारी पोस्टर में जूम आईडी और पासकोड दिया गया है। इसमें लिखा है कि यह कथा दोपहर के दो बजे से तीन बजे तक होगी।
सोशल मीडिया पर उनके कथा वाचन का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में सुना जा सकता है कि कथा के दौरान वो लोगों को कानून की धाराएं बड़े सलीके से समझा रहे हैं। कथा के दौरान वो कहते हैं आज के समय की कानून व्यवस्था ब्रिटिश शासन की देन है। हत्या के बाद उसका उद्देश्य देखा जाता है। अगर किसी के ऊपर पत्थर फेंका जाए और उससे अगले की मौत हो जाती है तो उसका मकसद देखा जाता है, अगर उसके पीछे का मकसद ऐसा नहीं मिला तो वो हत्या नहीं है।
सियासत से मोह भंग..नए अवतार में गुप्तेश्वर@karunashankar | #dgp | #gupteshwarpandey | #Bihar | #Biharpolitics pic.twitter.com/Ygme9Gd36q
— TV9 Bharatvarsh (@TV9Bharatvarsh) June 26, 2021
बता दें कि, गुप्तेश्वर पांडेय हमेशा मीडिया की सुर्खियों में रहे हैं। बिहार विधानसभा चुनाव 2020 से पहले उन्होंने नौकरी से वीआरएस लेकर जेडीयू की सदस्यता ग्रहण कर ली थी, जिसके बाद अटकलें लगाई जाने लगी कि वह बक्सर से चुनाव लड़ सकते हैं। लेकिन इन अटकलों पर उस वक्त विराम लग गया जब जेडीयू की ओर से उन्हें टिकट नहीं मिला। जिस पर गुप्तेश्वर पांडेय ने बाद में सफाई भी दी थी।
पांडेय ने लिखा था, “अपने अनेक शुभचिंतकों के फोन से परेशान हूं। मैं उनकी चिंता और परेशानी भी समझता हूं। मेरे सेवामुक्त होने के बाद सबको उम्मीद थी कि मैं चुनाव लडूंगा। लेकिन मैं इस बार विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ रहा हूं। हताश निराश होने की कोई बात नहीं है। धीरज रखें। मेरा जीवन संघर्ष में ही बीता है। मैं जीवन भर जनता की सेवा में रहूंगा। कृपया धीरज रखें और मुझे फोन नहीं करें।”