1 जुलाई से लागू हुए वस्तु एवं सेवा कर(GST) का लगातार विरोध हो रहा है। इस बीच सोमवार(3 जून) को गुजरात में सूरत के कपड़ा व्यापारियों ने जीएसटी का विरोध करते हुए प्रदर्शन किया। कारोबियों का विरोध प्रदर्शन इस कदर बढ़ गया कि पुलिस को वहां पर लाठीचार्ज करना पड़ा है। पुलिस में कारोबारियों पर जमकर लाठियां बरसाई।दरअसल, पीएम मोदी के गृहराज्य गुजरात में आज छोटे व्यापारियों ने बड़ी संख्या में सड़क पर उतरकर जीएसटी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। सूरत में कपड़ा कारोबारियों ने जीएसटी का विरोध करते हुए जमकर नारेबाजी की। बड़ी संख्या में व्यापारी इकट्ठा होकर जीएसटी का विरोध जताया।
कारोबारियों की तरफ से हिंसा बढ़ता देख मौके पर पहुंची पुलिस ने कारोबारियों पर जमकर लाठियां बरसाई और प्रदर्शन कर रहे व्यापारियों को खदेड़ा। बता दें कि गुजरात और दिल्ली सहित कई राज्यों के कपड़ा व अन्य व्यापारी जीएसटी के लागू होने से पहले ही विरोध करते आ रहे हैं।
कांग्रेस ने पूछा क्या यही लोकतंत्र है?
व्यापारियों पर लाठीचार्ज को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार और पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने लाठीचार्ज के वीडियो को ट्वीट करते हुए इसे शोकिंग करार देते हुए सवाल पूछा है, ‘क्या यही लोकतंत्र है?’
This is shocking. Is this democracy ? pic.twitter.com/KxIZFaFksf
— Ahmed Patel (@ahmedpatel) July 3, 2017
Shocking that police has used brutal force against Surat traders protesting against GST. Govt must reason with them, not suppress them
— Ahmed Patel (@ahmedpatel) July 3, 2017
अहमद पटेल ने ट्वीट किया, यह चौंकाने वाला है कि पुलिस ने जीएसटी का विरोध रहे सूरत के व्यापारियों के खिलाफ क्रूर बल का इस्तेमाल कर रही है। सरकार को उनके साथ बात करनी चाहिए, उन्हें दबाने की कोशिश ना करें।’
एक देश-एक कर के वाला जीएसटी लागू
बता दें कि एक देश-एक कर के लक्ष्य वाला जीएसटी 1 जुलाई से लागू हो चुका है। 30 जून को संसद के केन्द्रीय कक्ष में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मध्यरात्रि में घंटा बजाए जाने के साथ जीएसटी लागू हो गया। प्रधानमंत्री ने इस महत्वपूर्ण कर सुधार की तुलना आजादी से करते हुए कहा कि यह देश के आर्थिक एकीकरण में महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
संसद के केन्द्रीय कक्ष में हुई विशेष बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मुखर्जी ने इसे ऐतिहासिक क्षण करार दिया और कहा कि यह कराधान के क्षेत्र में एक नया युग है जो कि केंद्र एवं राज्यों के बीच बनी व्यापक सहमति का परिणाम है।उन्होंने कहा कि विभिन्न राजनीतिक दायरे के लोगों द्वारा किया गया प्रयास है जिन्होंने दलगत राजनीति को परे रखते हुए राष्ट्र को आगे रखा।
इससे पहले समारोह को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि जीएसटी सभी राजनीति दलों के सामूहिक प्रयासों की देन है। उन्होंने कहा कि यह सभी राज्यों एवं केंद्र के वर्षो तक चले विचार विमर्श का परिणाम है। उन्होंने कहा कि जीएसटी सहकारी संघवाद का एक बेहतर उदाहरण है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार सरदार वल्लभ भाई पटेल ने विभिन्न रियासतों को मिलाकर भारत का एकीकरण संभव कराया था, उसी प्रकार जीएसटी के कारण देश का आथर्कि एकीकरण होगा। उन्होने कहा कि इसमें शुरूआत में थोड़ी दिक्कत आ सकती है लेकिन इसके कारण सभी वर्गो के लोगों को लाभ मिलेगा।
बता दें कि संसद के ऐतिहासिक केंद्रीय कक्ष में आजादी सहित यह चौथा ऐसा मौका था, जब मध्यरात्रि के समय कोई कार्यक्रम हुआ। 14 अगस्त 1947 की मध्यरात्रि के अलावा, 1972 में स्वतंत्रता की रजत जयंती और 1997 में स्वर्ण जयंती के अवसर पर ऐसे कार्यक्रम हुए थे।