उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यक्षेत्र गोरखपुर की बदहाल व्यवस्था को दर्शाने वाली घटना के सामने आने के बाद देश भर में हड़कंप मच गया है। 11 तारीख को गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में आक्सीजन सप्लाई रुकने से 30 बच्चों की मौत हो गई थी।
फोटो- ANIपिछले 5 दिनों में इस अस्पताल में मरने वालों की संख्या 70 के करीब पहुंच गई है। वहीं दूसरी ओर इस मुद्दे पर राजनीति भी जमकर हो रही है। यह घटना सामने आने के बाद देश भर में हड़कंप मच गया है। इस हादसे से पूरा देश सदमे में है, यह घटना देसी-विदेशी मीडिया सहित सोशल मीडिया पर भी छाया हुआ है।
वहीं दूसरी ओर बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह ने तीन दिन बाद गोरखपुर हादसे पर प्रतिक्रिया दी है। कर्नाटक दौरे पर पहुंचे शाह ने विपक्ष पर हादसे को लेकर गलत बयानबाजी का आरोप लगाया है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और स्वास्थ्य मंत्री के इस्तीफे के सवाल पर कहा कि इस्तीफा मांगना कांग्रेस का काम है।
Congress ka kaam hai isteefa maangna. Itne bade desh mein bahut saare haadse hue, pehli baar aisa haadsa nahi hua hai: A Shah on #Gorakhpur pic.twitter.com/c7nn8EesAh
— ANI (@ANI) August 14, 2017
शाह ने कहा कि इतने बड़े देश में बहुत सारे ऐसे हादसे हुए हैं, पहली बार ऐसा नहीं हुआ है। साथ ही यूपी में जनमाष्ट्मी मनाने के सवाल पर कहा कि जन्माष्टमी अपनी जगह है, जैसे पूरे देश में होगी, वैसे यूपी में लोगों को व्यक्तिगत मान्यताओं के आधार पर होगी, यह कोई सरकारी त्योहार नहीं है।
#Jamanshtami apni jagah hai,jaise desh mein hogi,waise UP mein logon ke personal belief ke aadhar par hogi,yeh govt festival nahi:Amit Shah pic.twitter.com/olUJ2rUYy8
— ANI UP (@ANINewsUP) August 14, 2017
साथ ही उन्होंने कहा कि देखिए बच्चे मरे हैं इसका दुख है लेकिन कृष्ण जन्माष्टमी अपनी जगह है और 15 अगस्त भी मनाया जाएगा। ये कोई सरकारी कार्यक्रम नहीं है। इस हादसे पर पीएम मोदी के ट्वीट ना करने पर अमित शाह ने कहा कि जहां तक ट्वीट का सवाल है अभी इस पर जांच चल रही है। पीएम ने दुख व्यक्त किया है, ट्वीट सिर्फ एक माध्यम नहीं है।
बता दें कि, इससे पहले मोदी सरकार के केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते का विवादित बयान सामने आया था। न्यूज एजेंसी ANI से इस मामले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि, ‘इसमें किसी की साजिश भी हो सकती है।’ उन्होंने कहा कि, ‘9 तारीख से पहले की मौतें और 9-12 अगस्त के आंकड़े देखें तो स्पष्ट रूप से समझ आएगा कि जो दबाव है, उस दबाव के कारण मौतें हुई हैं।’
9 tarikh se pehle ke death aur 9-12 ke aakade dekhe to spasht roop se samajh ayega ki jo dabaav hai uss dabaav ke karan death hui-FS Kulaste
— ANI (@ANI) August 13, 2017
गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत का मामला गरमाता जा रहा है। इस संबध में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग(एनएचआरसी) ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को नोटिस जारी कर इस मामले में राज्य के मुख्य सचिव से एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।