पूर्व केंद्रीय मंत्री और राहुल गांधी के करीबी रहे कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद ने बुधवार को पार्टी छोड़ दी। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और भाजपा सांसद अनिल बलूनी की मौजूदगी में प्रसाद ने पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।
बलूनी ने इस अवसर पर कहा, ‘‘भाजपा की नीति और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व से प्रभावित होकर जितिन प्रसाद भाजपा परिवार में शामिल हुए हैं। हम उनका स्वागत करते हैं।’’ भाजपा में शामिल होने से पहले प्रसाद ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। जितिन प्रसाद का नाम उन युवा नेताओं में शुमार होता रहा है जो राहुल गांधी के बेहद करीब माने जाते रहे हैं।
भाजपा में शामिल होने के बाद जितिन प्रसाद ने कहा कि भाजपा ने कल्याणकारी योजनाएं लागू कीं। जिस दल में मैं था, महसूस हुआ कि जब अपनों के हितों के लिए कुछ कर नहीं पा रहा हूं। जब आप किसी की सहायता नहीं कर सकते। इस लायक नहीं हैं कि जनता के हितों की रक्षा नहीं कर सकते… कांग्रेस में मुझे यह महसूस होने लगा था, इसलिए भाजपा जॉइन की। जितिन ने कहा कि मैं ज्यादा नहीं बोलूंगा। मेरा काम बोलेगा। अब मैं एक समर्पित भाजपा का कार्यकर्ता हूं। मेरा उद्देश्य भी सबका साथ, सबका विकास, एक भारत श्रेष्ठ भारत पर काम करूंगा।
I have a three-generation connection with Congress, so I took this important decision after a lot of deliberation. In the last 8-10 years I have felt that if there is one party that is truly national, it is BJP. Other parties are regional but this is national party: Jitin Prasada pic.twitter.com/j3yc31QakL
— ANI (@ANI) June 9, 2021
उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है। यूपी में अपनी पैठ जमाने के लिए कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी लगातार काम कर रही हैं। यूपी में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले जितिन का कांग्रेस छोड़ना पार्टी के लिए बड़ा झटका है।
बता दें कि, जितिन प्रसाद उन 23 नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने पिछले साल कांग्रेस में सक्रिय नेतृत्व और संगठनात्मक चुनाव की मांग को लेकर पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी। पत्र से जुड़े विवाद को लेकर उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले की कांग्रेस कमेटी ने प्रस्ताव पारित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी, जिसे लेकर विवाद भी हुआ था। जितिन प्रसाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे जितेंद्र प्रसाद के पुत्र हैं जिन्होंने पार्टी में कई अहम पदों पर अपनी सेवाएं दी थीं।
जितिन ने 2004 में शाहजहांपुर से पहली बार लोकसभा का चुनाव जीता था और उन्हें प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में इस्पात राज्यमंत्री बनाया गया था। इसके बाद उन्होंने 2009 में धौरहरा सीट से जीत दर्ज की। इसके बाद उन्होंने संप्रग सरकार में पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस, सड़क परिवहन और राजमार्ग और मानव, संसाधन विकास राज्यमंत्री की जिम्मेदारी संभाली।
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के बड़े ब्राह्मण चेहरे के रूप में अपनी पहचान स्थापित करने वाले जितिन प्रसाद को 2014 के लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद उन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव में तिलहर सीट से हाथ आजमाया लेकिन इसमें भी उन्हें निराशा ही मिली। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भी धौरहरा से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।