पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के टीटागढ़ के पास एक स्थानीय भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता मनीष शुक्ला की रविवार रात गोली मारकर हत्या कर दी गई। घटना स्थानीय पुलिस स्टेशन से मुश्किल से कुछ मीटर की दूरी पर बीटी रोड पर हुई। पुलिस सूत्रों ने कहा कि शुक्ला को पीठ और शरीर के ऊपरी हिस्से में कई बार गोली मारी गई। उन्हें तुरंत ईएम बाईपास पर स्थित एक निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हमलावर मोटरसाइकिल पर आए थे और उन्होंने मास्क और हेलमेट लगा रखा था। हमले के दौरान शुक्ला को बचाने के प्रयास में दो अन्य भाजपा कार्यकतार्ओं को भी गोली लगी है। समाचार एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा की पश्चिम बंगाल यूनिट ने हत्या के विरोध में पहले ही सोमवार को बैरकपुर क्षेत्र में सांकेतिक बंद का आह्वान किया है। सूत्रों ने कहा कि भाजपा की एक केंद्रीय टीम सोमवार को शुक्ला के आवास पर जाएगी। टीम में महासचिव संजय सिंह, सांसद अर्जुन सिंह, सौमित्र खान, जगन्नाथ सरकार और शंकु देब पांडा शामिल हैं।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्य पुलिस को भी तलब किया है। राज्यपाल ने रविवार रात को 11.40 ट्वीट किया, “ममता बनर्जी, पश्चिम बंगाल पुलिस डीजीपी को पार्षद मनीष शुक्ला की टीटागढ़ नगर पालिका राजनीतिक पार्टी कार्यालय में हत्या के मद्देनजर बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर कल सुबह 10 बजे समन जारी किया गया है।”
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, “हम पुलिस की भूमिका की सीबीआई जांच की मांग करते हैं। अर्जुन सिंह का जीवन भी खतरे में है। ममता बनर्जी आतंक के साथ राज्य पर शासन नहीं कर सकती हैं।”
BJP worker Manish Shukla has been shot dead in front of Titagarh Police Station (in North 24 Parganas district). This matter should be investigated by CBI: BJP's Central Observer for West Bengal, Kailash Vijayvargiya pic.twitter.com/xWJNqRPjC5
— ANI (@ANI) October 4, 2020
बैरकपुर में एक लोकप्रिय नेता शुक्ला ने दो साल पहले तृणमूल कांग्रेस से संबंध तोड़ लिए थे। बैरकपुर के भाजपा सांसद अर्जुन सिंह के निकट सहयोगी के रूप में जाने जाने वाले शुक्ला ने बाद में भाजपा का दामन थाम लिया था। भाजपा के बैरकपुर लोकसभा सांसद अर्जुन सिंह ने भी 2018 में तृणमूल कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था।