कर्नाटक में मचे सियासी घमासान पर बीजेपी सांसद ने अपनी ही पार्टी पर साधा निशाना, कुमारस्वामी की तारीफ के बांधे पुल

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भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में पार्टी लाइन से अलग अपने बयानों को लेकर हमेशा मीडिया की सुर्खियों में रहने वाले बिहार से बीजेपी सांसद व अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने कर्नाटक में मचे सियासी घमासान को लेकर लगातार कई ट्वीट कर एक बार फिर से अपनी ही पार्टी पर जोरदार निशाना साधा है। साथ ही उन्होंने कर्नाटक के चुनावी रण पर कई ट्वीट कर बिहार में बीजेपी की सहयोगी पार्टी जेडीयू और नीतीश कुमार पर भी निशाना साधा।

शत्रुघ्न सिन्हा ने ट्वीट कर लिखा कि, मेरे दोस्त नीतीश कुमार के इशारे पर जेडीयू ने कर्नाटक में अपने प्रत्याशी उतारे। उन सीटों पर जेडीयू को 500-1000 वोट हासिल हुए लेकिन कांग्रेस कम अंतर से करीब दर्जन भर सीटें हार गई। जेडीएस बीजेपी की बी टीम नहीं थी, जैसा कि बिहार में जेडीयू है। ये एक जुड़ाव था।

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कुमारस्वामी की तारीफ की है और कहा है कि कुमारस्वामी ने ये साबित कर दिया है कि वो किंग बनेंगे न कि किंगमेकर। किंगकोंग और उनकी टीम द्वारा खड़ी की गई तमाम मुश्किलों, आपत्तियों औऱ विपक्ष के हमले के बाद भी कुमारस्वामी सफल रहे। साथ ही शत्रुघ्न सिन्हा ने कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन पर सहमति के लिए कुमारस्वामी और कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद को बधाई भी दी।

वहीं, उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि ये जनता के सपनों को सच करने की दिशा में उठाया कदम है और लोकतंत्र की विजय हुई है।

बता दें कि, यह कोई पहली बार नहीं है बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने अपनी पार्टी पर निशाना साधा हो। शत्रुघ्न सिन्हा कई मुद्दों पर पार्टी और पीएम मोदी की आलोचना करते रहें है। अभी हाल ही में शत्रुघ्न सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा था, साथ ही उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की भी जमकर तारीफ की थी।

बता दें कि, अभी हाल ही में शत्रुघ्न सिन्हा ने राजनीति में कूच करने की घोषणा कर चुके अपने दोस्तों व अभिनेता कमल हासन और तमिल सुपरस्टार रजनीकांत को सलाह देने के बहाने अपना दर्द बयान किया था।

उन्होंने कहा था, ‘मेरी पार्टी में मेरे साथ किस तरह का व्यवहार किया जा रहा है, उसे देखिए। मुझे बताया गया था कि मुझे कैबिनेट पद दिया जाएगा लेकिन इसके बजाए एक टीवी अभिनेत्री को कैबिनेट पद दिया गया। मेरे साथ भेदभाव किया गया, मेरा अपमान किया गया। हम कलाकारों को भीड़ खींचने के लिए राजनीति में लाया जाता है लेकिन जब हम उस भीड़ को पार्टी से जोड़ देते हैं तो पार्टी हमारी लोकप्रियता देखकर खुद को असुरक्षित महसूस करती है। यह बहुत ही पेचीदी स्थिति है।’

ढाई दिन में गिरी बीजेपी की सरकार

गौरतलब है कि कर्नाटक में महज ढाई दिन पुरानी बीजेपी की सरकार शनिवार (19 मई) की शाम गिर गई। मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने विश्वास मत का सामना किए बगैर ही विधानसभा पटल पर अपने इस्तीफे का ऐलान कर दिया। चेहरे पर हार के भाव के साथ येदियुरप्पा ने एक संक्षिप्त भावनात्मक भाषण के बाद विधानसभा के पटल पर अपने निर्णय की घोषणा की। अब जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी 23 मई को नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि येदियुरप्पा सरकार शनिवार शाम चार बजे राज्य विधानसभा में विश्वास मत हासिल करें। इससे पहले राज्यपाल वजुभाई वाला ने येदियुरप्पा को अपना बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का समय दिया था। येदियुरप्पा के इस्तीफे के कुछ घंटे बाद जद (एस)-कांग्रेस-बसपा गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार एच डी कुमारस्वामी ने राज्यपाल वजुभाई वाला से मुलाकात की और उन्होंने कहा कि उन्हें सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया गया है।

जद (एस) प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा के 58 वर्षीय बेटे ने कहा कि राज्यपाल ने उन्हें बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का समय दिया है लेकिन उन्होंने कहा, ‘‘हमें 15 दिनों की जरूरत नहीं है।’’ कांग्रेस–जद (एस) गठबंधन ने 224 सदस्यीय विधानसभा में 117 विधायकों के समर्थन का दावा किया है। दो सीटों पर विभिन्न कारणों से मतदान नहीं हुआ था जबकि कुमारस्वामी दो सीटों से चुनाव जीत थे। गत 15 मई को घोषित चुनाव परिणामों में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने के कारण राजनीतिक अस्थिरता पैदा हो गई थी।

बीजेपी हालांकि 104 सीटें प्राप्त करके सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी लेकिन वह बहुमत से कुछ दूर रह गई थी।कांग्रेस 78 सीटों पर जीत दर्ज करके दूसरे स्थान पर रही थी, जबकि जद (एस) को 37 सीटों पर जीत मिली थी। इसके बाद कांग्रेस और जद (एस) ने गठबंधन कर लिया। येदियुरप्पा का सत्ता में रहने का यह सबसे कम समय था। वह 2007 में जब पहली बार मुख्यमंत्री बने थे उस समय केवल सात दिन ही मुख्यमंत्री रहे थे। वह दूसरी बार उस समय मुख्यमंत्री बने थे जब 2008 में कर्नाटक में बीजेपी ने पहली बार अपनी सरकार बनाई थी।

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