पशु बाजार से वध के लिए पशुओं की खरीद फरोख्त को प्रतिबंधित करने के केंद्र सरकार के फैसले के विरोध में केरल के एक कथित यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा सरेआम बीफ पार्टी किये जाने का मुद्दा गरमाता जा रहा है। दरअसल, केरल में यूथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर बीफ पार्टी के लिए गाय काटने का आरोप लगा है।केरल बीजेपी अध्यक्ष राजशेखरन ने अपने ट्विटर अकाउंट से एक वीडियो शेयर किया है जिसमें कुछ लोग कथित तौर पर सरेआम एक गाय काटते हुए और पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारा लगाते हुए दिख रहे हैं। इस वीडियो में यह भी दिख रहा है कि कुछ लोगों के हाथ में यूथ कांग्रेस का झंडा हैं। वीडियो पोस्ट करते हुए राजशेखरन ने आरोप लगाया है कि राज्य में यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सरेआम एक गाय की हत्या की है।
इसके बाद ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इस वीडियो को दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने भी शेयर किया है। तेजिंदर बग्गा ने ट्वीट कर लिखा, कांग्रेस ने खाली ये गाय नही काटी, बल्कि 100 करोड़ हिन्दुओ को चुनौती दी है। 100 करोड़ हिन्दुओ की को भावनाओ को भड़काने के काम किया है।
वहीं, कांग्रेस ने इस पूरे विवाद से खुद को अलग कर लिया है। इस मामले से पल्ला झाड़ते हुए कांग्रेस ने कहा कि वह कानून उल्लंघन करने वाली किसी भी घटना का समर्थन नहीं कर सकती। पार्टी ने यह भी कहा कि पहले यह भी प्रमाणित करना होगा कि इस घटना में शामिल व्यक्ति कांग्रेस से जुड़ा है या नहीं।
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने रविवार(28 मई) को इस घटना के बारे में सवाल किए जाने पर संवाददाताओं से कहा कि यदि किसी ने कानून का उल्लंघन किया है तो उससे कानून के अनुसार ही निबटा जाएगा। कांग्रेस ने कभी काननू का उल्लंघन करने वाले का समर्थन नहीं किया है।
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि लेकिन पहले यह प्रमाणित करना पड़ेगा कि जिसका वीडियो चलाया जा रहा है, उसका संबंध कांग्रेस से है भी या नहीं। मैं बीजेपी के कहने से किसी भी व्यक्ति के बारे में कोई बात नहीं मान सकता। गौरतलब है कि केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने पीएम मोदी को एक पत्र लिखकर केन्द्र सरकार के इस फैसले का विरोध किया है।
साथ ही राज्य सरकार ने कहा है कि वह इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में जाने पर विचार कर रही है। केरल सरकार इस कानून के विरूद्ध सुप्रीम कोर्ट जाने पर विचार करने पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया पूछे जाने पर सिंघवी ने कहा कि कानून के तहत राज्य सरकार को ऐसा करने का अधिकार है। किन्तु कांग्रेस में अभी तक ऐसा कोई मुद्दा नहीं उठा। यदि राज्य सरकार अदालत जाती है तो अदालत ही इसका फैसला करेगी।