HC ने अर्नब गोस्वामी से कहा- भाषणबाजी कम करो, तथ्यों को दिखाओं, लेकिन किसी का नाम(थरूर) नहीं ले सकते

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दिल्ली हाई कोर्ट ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर द्वारा दायर एक मानहानि मामले में सुनवाई के दौरान अर्नब गोस्वामी और हाल ही में शुरू हुए न्यूज चैनल रिपब्लिक टीवी को नोटिस जारी किया। साथ ही कोर्ट ने गोस्वामी को निर्देश देते हुए कहा कि आप भाषणबाजी कम करो और अपने तथ्यों को दिखाओं, लेकिन किसी का नाम(थरूर) को नहीं ले सकते।

दरअसल, दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार (29 मई) को अर्नब गोस्वामी खिलाफ कांग्रेस सांसद शशि थरूर की मानहानि याचिका पर आज दोनों से जवाब तलब किया। शशि थरूर ने इस याचिका में पत्रकार और उनके चैनल द्वारा कथित रूप से उनके बारे में की गयी मानहानि वाली टिप्पणियों के एवज उनसे दो करोड़ रूपये की क्षतिपूर्ति और मुआवजे की मांग की है। ये टिप्पणियां थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत से संबंधित खबर चलाते वक्त की गई थी।

न्यायमूर्ति मनमोहन ने अर्णब और चैनल को नोटिस जारी कर सुनवाई की अगली तारीख 16 अगस्त तक उनसे जवाब मांगे हैं। उन्होंने कहा, शब्दाडंबर बंद कीजिए। आप अपनी स्टोरी दिखा सकते हैं, तथ्य दिखा सकते हैं लेकिन उनका अपमान नहीं कर सकते। यह गैरजरूरी है।

थरूर की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद ने कहा कि उनका बचाव किया जाना चाहिए और चैनल तथा पत्रकार को यह निर्देश दिया जाना चाहिए कि वे उनके (थरूर) खिलाफ दिए गए बयानों के पीछे तर्क बताएं।

 

अर्णब और चैनल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप सेठी ने कहा कि वे अपने द्वारा दिए गए हर एक बयान को तर्कसंगत साबित करेंगे इसलिए रोक लगाने संबंधी अंतरिम आदेश की कोई जरूरत नहीं है। गत 26 मई को थरूर ने अर्णब गोस्वामी और रिपब्लिक टीवी के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में दीवानी मानहानि मुकदमा दायर कर दो करोड़ रूपये की क्षतिपूर्ति और मुआवजे की मांग की थी।

थरूर ने हाई कोर्ट से यह मांग भी की थी कि जब तक दिल्ली पुलिस की जांच पूरी नहीं हो जाती तक टीवी चैनल द्वारा उनकी पत्नी की मौत से संबंधित किसी भी कार्यक्रम के प्रसारण पर रोक लगाई जाए। यह मामला आठ मई से 13 मई के बीच टीवी चैनल द्वारा सुनंदा पुष्कर की मौत से संबंधित समाचार के प्रसारण का था।

गौरतलब है कि, कांग्रेस लीडर की पत्नी सुनंद पुष्कर की दिल्ली के एक पांच सितारा होटल में मृत पाई गई थी। हत्या के बाद से अब तक इस मर्डर मिस्ट्री को लेक खुलासा नहीं हो सका है। इस दौरान शशि थरूर खुद अपनी पत्नी की हत्या के शक के दायरे में बने रहे। हालांकि कई महीने तक जांच और फोरिंसिक रिपोर्ट के बाद भी पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई।

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