VIDEO: मुरादाबाद में अखिलेश यादव की प्रेस कॉन्फ्रेंस में हंगामा, SP कार्यकर्ताओं और सुरक्षाकर्मियों पर लगा पत्रकारों को पीटने का आरोप

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उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव की प्रेस कॉन्फ्रेंस में गुरुवार को जमकर हंगामा हुआ। पत्रकारों के साथ धक्का-मुक्की की गई। आरोप है कि इस दौरान समाजवादी पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं और सुरक्षाकर्मियों ने पत्रकारों के साथ मारपीट भी की, जिसमें कई को चोट भी लगी हैं। घटना से जुड़े कई वीडियो भी सामने आए है, जो अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहे हैं।

अखिलेश यादव

आरोप है कि सपा कार्यकर्ताओं और अखिलेश यादव के सुरक्षाकर्मियों ने पत्रकारों को धक्का देकर जमीन पर गिराया। हैरानी की बात है कार्यकर्ताओं की गुंडई के दौरान अखिलेश यादव भी वहां मौजूद थे, लेकिन उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं को रोकने की जरा भी कोशिश नहीं की। हंगामा बढ़ने के बाद अखिलेश ने कार्यकर्ताओं से शांत होने की अपील की। पत्रकारों का कहना है कि उन्हें सवाल पूछे जाने से भी रोका गया। दूसरी ओर, सपा कार्यकर्ताओं ने पत्रकारों पर पक्षपात करने का आरोप लगाया। इस घटना को लेकर कांग्रेस और भाजपा ने अखिलेश यादव पर हमला बोला है।

दरअसल, गुरुवार को अखिलेश यादव आगामी विधानसभा चुनाव के सिलसिले में कार्यकर्ताओं से मिलने मुरादाबाद पहुंचे थे। होटल रीजेंसी में अखिलेश की प्रेस वार्ता रखी गई थी। प्रेस वार्ता समाप्त होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री के सुरक्षा कर्मियों ने एक इलेक्ट्रानिक मीडिया के प्रतिनिधि के साथ धक्का-मुक्की कर दी। इसी को बात को लेकर विवाद हो गया। इस हंगामे के बाद पूरे कार्यक्रम का माहौल बदल गया।

घटना से जुड़ा एक वीडियो शेयर करते हुए यूपी कांग्रेस ने अपने ट्वीट में लिखा, “सवालों से अखिलेश यादव को डर लगने लगा है। अखिलेश के सामने सपा के गुंडों द्वारा पत्रकार को पीटा जा रहा है। पिछले दिनों भी अखिलेश से एक पत्रकार ने सवाल किया तो तिलमिला गए थे और आज पत्रकार पर हमला करवा रहे हैं। अखिलेश यादव शर्म करिये।”

वहीं, इस घटना पर भाजपा नेता शलभ मणि त्रिपाठी ने सपा पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि सपा ने फिर से अपना चरित्र दिखाया है। आज पूर्व मुख्यमंत्री के सामने लाल टोपी वाले गुंडों ने पत्रकारों को मारा-पीटा। हल्ला बोल वाला चरित्र दिखाया है। ये न पत्रकारों को और न आम जनता को बख्शने वाले हैं। ये बात सोचने वाली है कि जब ये सत्ता में रहे होंगे तब इनका सत्ता का नशा कैसा रहा होगा।

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