Exclusive: जाकिर नाईक ने वीडियो संदेश में प्रत्यर्पण की फर्जी खबरों पर तोड़ी चुप्पी, टाइम्स नाउ, NDTV और ABP न्यूज सहित अन्य चैनलों पर लगाया आरोप

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विवादास्पद भारतीय इस्लामी उपदेशक जाकिर नाईक ने भारतीय समाचार चैनलों द्वारा चलाई गई उन खबरों को फर्जी करार दिया है जिसमें उसके मलेशिया से भारत लौटने का दावा किया गया था। जाकिर नाईक ने विशेष तौर से एक वीडियो संदेश ‘जनता का रिपोर्टर’ को भेजा है। नाईक ने मलेशिया द्वारा उसे कथित तौर पर भारत प्रत्यर्पित किए जाने की फर्जी खबरों के लिए टाइम्स नाउ, रिपब्लिक टीवी, एनडीटीवी और एबीपी न्यूज को तंज कसते हुए धन्यवाद दिया है।

वीडियो संदेश में जाकिर ने कहा कि मैं टाइम्स नाउ, रिपब्लिक टीवी, एनडीटीवी, एबीपी न्यूज़ सहित सभी समाचार चैनलों और अख़बारों को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने दो दिन पहले 4 जुलाई को मेरे खिलाफ झूठी खबरें प्रकाशित की। वीडियो में उसने आगे कहा कि अधिकांश भारतीय समाचार चैनलों और समाचार पत्रों ने प्रकाशित और प्रसारित किया कि डॉ. जाकिर नाईक को मलेशिया में गिरफ्तार कर लिया गया है और उसे आज रात यानी 4 जुलाई की रात को निर्वासित किया जा रहा है। जबकि यह बिना किसी संदेह के साबित हुआ है कि यह एक फर्जी खबर थी।

नाईक ने कहा कि 4 जुलाई को भारतीय चैनलों पर फर्जी समाचार प्रसारित करने का एक चमकदार उदाहरण था कि कैसे भारत में मीडिया ने अपने नकली एजेंडे को वैधता देने के लिए सनसनीखेज खबरों को व्यक्त किया। उसने कहा कि दो समाचार चैनलों (एनडीटीवी और टाइम्स नाउ) ने एक दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा करते हुए दावा किया कि उन्होंने सबसे पहले यह खबर चलाई है।

विवादित इस्लामी धर्मोपदेशक ने तंज सकते हुए कहा कि एबीपी न्यूज़ ने तो यह भी दावा कर दिया कि जाकिर नाईक अगले 6-7 घंटों में भारत में होंगे। इस्लामी प्रचारक ने आरोप लगाया कि दो साल से भारतीय मीडिया उसे परेशान कर रहा है। उसने कहा कि इसके दो कारण हो सकते हैं। पहला टीआरपी हो सकता है। जबकि दूसरा, वित्तीय कारण हो सकते हैं।

उसने वीडियो संदेश में पिछले दिनों कोबरापोस्ट द्वारा समाचार चैनलों के खिलाफ किया गया स्टिंग ऑपरेशन का भी जिक्र किया है। जिन्होंने पैसे के बदले कोई भी न्यूज चलाने को तैयार हो गए थे। पिछले हफ्ते सनसनीखेज प्रसारण में टाइम्स नाउ और एनडीटीवी ने दावा किया था कि जाकिर नाईक को मलेशिया से भारत वापस भेज दिया जाएगा। हालांकि यह खबर बाद में फर्जी निकली।

जाकिर नाईक के प्रत्‍यर्पण से मलेशिया ने किया इनकार

इस बीच मलेशियाई प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने शुक्रवार (6 जुलाई) को कहा कि जाकिर नाइक को वापस भारत नहीं भेजा जाएगा। वह भारत में कथित रूप से आतंकी गतिविधियों के सिलसिले में वांछित है। बताया जाता है कि टेलीविजन पर कट्टरपंथी उपदेश देने वाला जाकिर नाइक 2016 में भारत से विदेश चला गया था। बाद में वह मलेशिया चला गया जहां उसे स्थायी रूप से रहने की मंजूरी दे दी गई।

भारतीय मीडिया की खबरों के मुताबिक भारत ने जनवरी में उसको निर्वासित करने का अनुरोध किया था। दोनों देशों में प्रत्यर्पण संधि है। क्वालालंपुर के बाहर प्रशासनिक राजधानी पुत्रजय में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान एक सवाल के जवाब में महातिर ने कहा, ‘‘जब तक वह कोई समस्या खड़ी नहीं कर रहा, हम उसे वापस नहीं भेजेंगे क्योंकि उसे गैर नागरिक स्थाई निवासी का दर्जा दिया गया है।’’

खबरों में कहा गया कि भारत ने नाईक को वापस भेजने की मांग की थी, क्योंकि उसपर अपने भड़काऊ बयानों के जरिए कथित तौर पर युवाओं को आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के लिये उकसाने का आरोप था। नाईक (52) ने मीडिया में आई खबरों को ‘‘पूर्णत: निराधार और झूठी’’ करार दिया और कहा कि उनका तब तक भारत आने का कोई इरादा नहीं है जबतक वह यह महसूस नहीं करता कि ‘‘वह सुरक्षित रहेगा और मामले की निष्पक्ष सुनवाई होगी।’’

 

 

 

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