केंद्र सरकार ने मंगलवार को इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक के एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) को आतंकवाद निरोधक कानून के तहत पांच साल के लिए प्रतिबंधित करने का फैसला किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में यह फैसला हुआ।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि कैबिनेट ने आईआरएफ को गैर-कानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून (यूएपीए) के तहत पांच साल के लिए एक ‘प्रतिबंधित संगठन’ घोषित करने के प्रस्ताव पर मंजूरी दे दी। गृह मंत्रालय की ओर से जल्द ही इस बाबत एक अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।
भाषा की खबर के अनुसार, अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्रालय की छानबीन में पता चला कि एनजीओ के कथित संदिग्ध रिश्ते ‘पीस टीवी’ के साथ हैं, जिस पर आतंकवाद फैलाने का आरोप है। ‘पीस टीवी’ एक अंतरराष्ट्रीय इस्लामिक चैनल है।
गृह मंत्रालय के मुताबिक, आईआरएफ के प्रमुख नाइक ने कथित तौर पर कई भड़काउ भाषण दिए हैं और कथित तौर पर आतंकी दुष्प्रचार में शामिल रहा है। अधिकारियों ने बताया कि महाराष्ट्र पुलिस ने भी युवाओं में कट्टरपंथी भावनाएं भड़काने में शामिल होने और उन्हें आतंकवादी गतिविधियों की तरफ आकर्षित करने के आरोप में नाइक के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए हैं।