भारतीय चुनाव आयोग की वेबसाइट को कथित रूप से हैक करने और तीन महीनों में 10,000 से अधिक नकली मतदाता पहचान पत्र बनाने के आरोप में उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले से एक युवक को गिरफ्तार किया गया है।
समाचार एजेंसी पीटीआई (भाषा) की रिपोर्ट के मुताबिक, सहारनपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस चेन्नपा ने बताया कि आरोपी विपुल सैनी ने सहारनपुर के नकुड़ इलाके में अपनी कम्प्यूटर की दुकान में कथित तौर पर हजारों की संख्या में मतदाता पहचान पत्र बनाए थे।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि सैनी आयोग की वेबसाइट में उसी पासवर्ड के जरिए लॉगइन करता था, जिसका इस्तेमाल आयोग के अधिकारी करते थे। आयोग को कुछ गड़बड़ी का अंदेशा हुआ और उसने जांच एजेंसियों को इसी जानकारी दी। एजेंसियों की जांच के दौरान सैनी शक के दायरे में आया और उन्होंने सहारनपुर पुलिस को सैनी के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान सैनी के बताया कि वह मध्य प्रदेश के हरदा निवासी अरमान मलिक के इशारे पर काम कर रहा था और उसने तीन माह में दस हजार से ज्यादा मतदाता पहचान पत्र बना लिए थे। साइबर सेल और सहारनपुर अपराध शाखा के संयुक्त दल ने गुरुवार को सैनी को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस अधीक्षक चेन्नपा ने बताया कि जांच में सैनी के बैंक खाते में 60 लाख रुपये पाए गए, जिसके बाद खाते से लेनदेन पर तत्काल रोक लगा दी गई है। उन्होंने कहा कि सैनी के खाते में इतनी रकम कहां से आई इसकी जांच की जाएगी।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि पूछताछ में सैनी ने बताया कि एक पहचान पत्र के एवज में उसे 100 से 200 रूपये मिलते हैं। उसके घर से पुलिस ने दो कम्प्यूटर भी जब्त किए हैं। जांच एजेन्सी उसे अदालत में पेश करके उसकी न्यायिक हिरासत का अनुरोध करेगी। उन्होंने बताया कि सैनी के पिता किसान हैं। सैनी ने सहारनपुर जिले के एक कॉलेज से बीसीए किया है।